Mumbai. महाराष्ट्र की सियासत इन दिनों चर्चा में है। अजीत पवार के साथ सीक्रेट मीटिंग के बाद से लग रहे कयासों के बीच एनसीपी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। वे गुरुवार (17 अगस्त) से महाराष्ट्र की यात्रा पर हैं। शरद पवार रैली निकालने के साथ बीड में जनसभा को संबोधित करेंगे। शरद पवार की रणनीति बागी विधायकों के क्षेत्रों में जाकर शक्ति प्रदर्शन करने की है। इसलिए सबसे पहले उन्होंने मराठवाड़ा का बीड इलाका चुना है। यह अजीत पवार खेमे में शामिल धनंजय मुंडे का विधानसभा क्षेत्र है। मुंडे एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री भी हैं। माना जा रहा है कि बीड से शरद पवार बागियों पर निशाना साधने को लेकर तैयार हैं।
बीजेपी में जाने की अटकलों पर लगाया विराम
शरद और अजीत की कुछ दिन पहले पुणे में एक उद्योगपति के घर हुई बैठक के बाद सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया था। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने यहां तक कह दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत पवार के सामने शर्त रखी है कि अगर वे राज्य के सीएम बनना चाहते हैं तो शरद पवार को एनडीए में शामिल कराएं। मामले में पवार की बेटी सुप्रिया सुले और शिवसेना (उद्धव गुट) ने इस तरह के किसी भी ऑफर से इनकार किया है। ऐसे में बीजेपी में जाने की अटकलों पर विराम लग चुका है।
शरद पवार की मंशा : राकांपा को दोबारा खड़ा करना
दो जुलाई 2023 को शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने बगावत कर दी थी। वे महाराष्ट्र में सीएम एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए। अजीत डिप्टी सीएम और उनके साथ बागी आठ विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली। अजीत की बगावत के बाद अब शरद ने फिर से पार्टी को खड़ा करने का प्रयास तेज कर दिया है। बीड में हो रही रैली इसी का हिस्सा हैं। अजीत पवार की बगावत के बाद शरद पवार ने कहा था कि मैं राज्य और देश का दौरा करूंगा और लोगों से जुड़ूंगा। यह भविष्य के लिए मेरी रणनीति है। मैं जनता के करीब जाऊंगा।
फिर मुलाकातों का दौर: अब तक चार बार शरद से मिल चुके अजीत
अजीत ने बगावत के बाद से अब तक चार बार शरद पवार से मुलाकात की है। ऐसे में इन मुलाकातों के बाद हर बार सियासी अटकलें भी लगाई गईं। इसके बाद पवार ने सफाई में कहा कि वे कभी बीजेपी से हाथ नहीं मिलाएंगे। अब देखना होगा कि बीड से शरद पवार कैसे पार्टी के लिए दोबारा सियासी जमीन तैयार करते हैं और वे लोकसभा में क्या नया सियासी खेल करेंगे।
शरद पवार ने किया साफ : कांग्रेस-शिवसेना के बिना लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे
इससे पहले शरद पवार ने बुधवार (16 अगस्त) को फिर साफ कर दिया कि वे बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। इसके बजाय वे 2024 में जब चुनाव होंगे तो बदलाव लाने की दिशा में काम करेंगे। पवार ने साफ कर दिया कि अजीत के साथ उनकी बैठक पारिवारिक मुद्दा थी। उन्होंने उन अटकलों को खारिज करने की कोशिश की कि जिनमें कहा जा रहा था कि कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) उनके गुट के बिना 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए प्लान बना रहे हैं।
दोनों गुट के नेताओं की दौड़ : नवाब मलिक को अपने खेमे में लाने की मची होड़
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में दो फाड़ होने के बाद अब अपने-अपने कुनबे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। शरद और अजीत गुट के नेता संगठन मजबूत करने के लिए पार्टी नेताओं को अपने पाले में करने के लिए मेल-मुलाकातें और बैठकें करने में जुट गए हैं। बुधवार (16 अगस्त) को दोनों गुटों से जुड़े नेताओं ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक से मुलाकात की है। डिप्टी सीएम अजीत पवार खुद मलिक से मिलने उनके घर पहुंचे तो बाद में छगन भुजबल ने भी मुलाकात की। शरद पवार गुट के नेता अनिल देशमुख भी मलिक से मिलने पहुंचे। ऐसे में अब मलिक को तय करना है कि वे किस गुट में शामिल होंगे।