शरद पूर्णिमा ( Sharad Purnima ) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जिसका विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। आपको बता दें कि ये पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु , देवी लक्ष्मी और चंद्र देव ( Chandra Dev ) की पूजा की जाती है।
चंद्रमा की किरणों से अमृत वर्षा
शरद पूर्णिमा के अवसर पर व्रत और रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस रात चंद्रमा की किरणों से अमृत वर्षा होती है, जिससे स्वास्थ्य लाभ और समृद्धि की प्राप्ति होती है। शरद पूर्णिमा की रात को देवी लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर भ्रमण करती हैं और जो व्यक्ति इस दिन उनकी पूजा करता है, उसे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
शरद पूर्णिमा तारीख
- तारीख 16 अक्टूबर 2024
- पूर्णिमा प्रारंभ:16 अक्टूबर 2024, प्रातः 08:40 बजे
- पूर्णिमा समाप्ति :17 अक्टूबर 2024, सायं 04:55 बजे
शरद पूर्णिमा पूजन मुहूर्त
- लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 16 अक्टूबर 2024, रात्रि 11:42 बजे से 12:32 बजे तक
- चंद्र दर्शन: 16 अक्टूबर 2024, सायं 05:04 बजे
शरद पूर्णिमा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा सबसे अधिक प्रकाशवान होता है और उसकी किरणों से अमृत की वर्षा होती है। यह भी कहा जाता है कि रावण अपनी नाभि पर चंद्रमा की रोशनी को ग्रहण करके पुनर्योवन शक्ति प्राप्त करता था। इस दिन देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है और यह मान्यता है कि जो लोग इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, उनके घर में धन-धान्य और समृद्धि आती है।
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