NEW DELHI. शिवाजी महाराज की पसंदीदा तलवारों में से एक 'जगदंगा तलवार' थी। कीमती पत्थरों से जड़ी ये तलवार 400 साल पुरानी तलवार है। इतिहासकारों के दावों के अनुसार ये तलवार 1875-76 में शिवाजी चतुर्थ ने प्रिंस एडवर्ड VII को दी थी। वहीं, ऐसा भी कहा जाता है। अब सालों बाद एक बार भारत में शिवाजी की वहीं तलवार वापस आने वाली है। जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ब्रिटेन से छत्रपति शिवाजी महाराज की तलवार और धातु के पंजे जल्द ही वापस लाएगी। दरअसल, महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार अगले महीने ब्रिटेन का दौरा करने वाले हैं। इस दौरे का उद्देश्य उस तलवार और पंजे को वापस लाना है, जिनका इस्तेमाल 17वीं शताब्दी में छत्रपति शिवाजी महाराज ने जंग के समय किया था।
तलवार की खासियत
इतिहासकारों के अनुसार शिवाजी चतुर्थ मात्र 11 वर्ष के थे और बाकी राजाओं की तरह उन्हें भी अंग्रेजों को कीमती उपहार देने के लिए मजबूर किया गया था। ये तलवार वर्तमान में लंदन में है। इस तलवार की लंबाई 95 सेंटीमीटर है यानी करीब तीन फीट की है। इस जगदंबा तलवार में हीरे जड़े है, इसलिए अंग्रेज भारत से जाते समय जगदंबा तलवार को भी अपने साथ ले गए थे। यह तलवार हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसका कारण शिवाजी महाराज ने उस तलवार को छुआ है।
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MOU पर हस्ताक्षर होना बाकी
महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बताया कि 'जगदंबा' तलवार और वाघ नख के संबंध में पहले ही ब्रिटिश उप उच्चायुक्त से बातचीत की गई थी। इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होना बाकी है। मुनगंटीवार ने कहा कि वह जून में ब्रिटेन का दौरा करेंगे और एमओयू को अंतिम रूप देने और आगे की कार्रवाई तय करने के लिए मामले को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे।
शिवाजी ने कब किया था इस्तेमाल?
इतिहासकारों के अनुसार धातु के पंजे एक ऐसा धारदार हथियार होता है, जिसे हथेली के नीचे छुपाने के हिसाब से डिजाइन किया जाता है। इसमें क्रॉसबार से जुड़े 4 या 5 घुमावदार ब्लेड होते हैं। इसे 'वाघ नख' भी कहा जाता है। शिवाजी महाराज ने बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को मारने के लिए इसका इस्तेमाल किया था।
100 से ज्यादा कार्यक्रम करेगी सरकार
सांस्कृतिक मामलों के मंत्री के मुताबिक छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस साल 2 जून से शुरू होने वाले इस आयोजन के लिए राज्य में 100 से ज्यादा कार्यक्रम किए जाएंगे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिवाजी महाराज के वंशज महाराज को भी कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया जाएगा। कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने की कोशिश भी की जा रही है, लेकिन इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है।