सावन में कैसे करें शिवलिंग की स्थापना, शिव पुराण से जानें पूरी विधि

इस साल सावन में आप शिवलिंग की स्थापना करना चाहते हैं और आप नहीं जानते हैं कि सावन में शिवलिंग की पूजा कैसे करते हैं तो आइए हम आपको बताते हैं कि कैसे आप शिवलिंग की स्थापना कर सकते हैं।

Advertisment
author-image
Dolly patil
एडिट
New Update
webr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

सावन माह का शुभारंभ 22 जुलाई से होने जा रहा हैये तो हम सब ही जानते हैं कि सावन के महीने में देवों के देव महादेव की पूजा की जाती हैइसी के साथ उनको प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित की जाती हैं

शिवलिंग का जलाभिषेक करने का भी विधान हैऐसा कहा जाता है कि जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं

शिव पुराण में बताई विधि

आपको बता दें कि शिवलिंग कि स्थापना और पूजा की विधि शिव पुराण में विस्तार से बताई गई हैशिव पुराण के अनुसार शिवलिंग की स्थापना किसी पवित्र तीर्थ, नदी के तट पर या उस स्थान पर करना चाहिए, जहां पर आप उसकी रोज पूजा कर सकेंशुभ समय में शिवलिंग की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है

पीठ सहित स्थापना 

चल प्रतिष्ठा के लिए छोटा शिवलिंग और अचल प्रतिष्ठा के लिए बड़ा शिवलिंग अच्छा होता हैआपको बता दें कि शिवलिंग की पीठ सहित स्थापना करनी चाहिए

शिवलिंग

शिवलिंग की पीठ गोल, चौकोर, त्रिकोट या घाट के पाए की तरह ऊपर और नीचे मोटा, बीच में पतला होना चाहिएऐसा लिंग पीठ महान फल देने वाला होता है

कैसे करें शिवलिंग की स्थापना

  • सबसे पहले मिट्टी या लोहे से शिवलिंग का निर्माण करेंइसके बाद उसी द्रव्य से उसका पीठ भी बनाएंयही अचल शिवलिंग की विशेषता है। 
  • चल प्रतिष्ठा वाले शिवलिंग में लिंग और प्रतिष्ठा का निर्माण एक ही तत्व से करना चाहिएचल लिंग में लंबाई स्थापना करने वाले व्यक्ति के 1 अंगुल के बराबर होनी चाहिए,  ध्यान रखें कि इससे कम नहीं होना चाहिए। 
  • अचल शिवलिंग में लिंग की लंबाई स्थापना करने वाले व्यक्ति के 12 अंगुल के बराबर होनी चाहिएइससे कम होने पर कम फल प्राप्त होता हैयह लंबाई 12 अंगुल से अधिक भी हो सकती है। 
  • इसके बाद एक गड्ढे में सोना और 9 प्रकार के रत्न भर देंफिर वैदिक मंत्रों का उच्चारण करके शिव जी का ध्यान करेंफिर ओम का उच्चारण करते हुए उस गड्ढे में शिवलिंग की स्थापना कर देंवहां शिव जी की मूर्ति की स्थापना भी पंचाक्षर मंत्र के उच्चारण के साथ करनी चाहिए
  • इस प्रकार से स्थापित शिवलिंग की रोज पूजा करेंशिवलिंग साक्षात् भगवान शिव का पद प्रदान करने वाला है

पूजा विधि

शिव पुराण के अनुसार, शिव पूजा के लिए आवाहन, आसन, अर्घ्य, पाद्य, पाद्यांग, आचमन, स्नान, वस्त्र, यज्ञोपवीत, गंध, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, पान, समर्पण, नीराजन, नमस्कार और विसर्जन ये 16 उपचार हैं।

 इसे षोडशोपचार पूजा कहते हैंइस प्रकार से शिव ​जी या शिवलिंग की पूजा करनी चाहिएऐसा कहा जाता है कि इस प्रकार से कि जाने वाली पूजा शिव पद की प्राप्ति कराती है

 षोडशोपचार विधि से पूजा करने से पूर्ण फल की प्राप्ति होती हैशिवलिंग की परिक्रमा और नमस्कार करने से भी शिव पद की प्राप्ति होती है

महादेव को प्रसन्न करने के मंत्र

ॐ नमः शिवाय

इस मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करना चाहिए। इससे व्यक्ति का शरीर और दिमाग शांत रहता है। इस मंत्र के जाप से महादेव अति प्रसन्न होते हैं।

त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

ये महामृत्युंजय जाप है। इसका अर्थ है-हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं। हमारा पोषण करते हैं। जिस तरह फल, शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है, वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।

 

dolly patil

 

thesootr links

  द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

Sawan sawan mahina कैसे करें शिवलिंग की स्थापना महादेव को प्रसन्न करने के मंत्र सावन माह का शुभारंभ