BHOPAL. तमाम बड़े मामलों में मीडिया की यह आदत आम हो चली है कि पीड़ित पक्ष के तथ्यों काे डाइल्यूट (हल्के) करने के लिए तथ्यों से छेड़छाड़ कर दो। सीधी के पेशाब कांड में भी मीडिया का यह चेहरा देखने में आया, जब तमाम जगहों पर पीड़ित दशमत रावत को मानसिक रूप से विक्षिप्त बताकर कवरेज किया जाने लगा। साथ ही घटना को पुराना बताते हुए सामान्य करार दिया जाने लगा। ऐसे में TheSootr ने भरोसेमंद पत्रकारिता की जिम्मेदारी को निभाते हुए तथ्य आधारित कवरेज कर, दशमत को पीड़ित ही बताया। गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के बाद TheSootr के कवरेज पर मुहर भी लग गई। दशरथ पूरी तरह से सामान्य व्यक्ति की तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से बात करता हुआ नजर आया। साथ ही दशरथ ने मुख्यमंत्री के साथ पौधरोपण भी किया।
स्थानीय मीडिया से लेकर राष्ट्रीय स्तर के मीडिया ने भी सीधी पेशाब कांड में सहजीकरण करने जैसा कवरेज किया। जबकि सत्ता के नशे की बेलगाम ताकत का यह घिनौना मामला है। जिसमें स्थानीय विधायक केदार शुक्ला सफाई के साथ अपना पल्ला बचाते हुए नजर आए। विधायक केदार शुक्ला ने ताे प्रवेश शुक्ला को अपना प्रतिनिधि मानने से ही इंकार कर दिया था।
पाठक तय करें जिम्मेदार मीडिया कौन?
निष्पक्ष और जन सरोकार की पत्रकारिता TheSootr की परंपरा है। हम यह बात कहते ही नहीं, बल्कि हर खबर में जीते भी हैं। सीधी पेशाब कांड में भी एक बार फिर हमने साबित किया है। अलग- अलग मीडिया में प्रकाशित इन खबरों को देखकर आप भी तय कीजिए कि जिम्मेदार मीडिया कौन है…