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इन दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही थी कि आज, 2 अगस्त 2025 को सूर्यग्रहण लगने वाला है। इस खबर ने लोगों के मन में उत्सुकता और कुछ हद तक भ्रम पैदा कर दिया था। लेकिन अब इस मामले में सबसे भरोसेमंद एजेंसी, NASA ने खुद सच्चाई सामने रख दी है।
NASA के मुताबिक, ये सूर्यग्रहण 2 अगस्त को लगेगा जरूर लेकिन इस साल नहीं, बल्कि 2027 में। यानी, जो लोग आज आसमान में सूर्यग्रहण देखने का इंतजार कर रहे थे, उन्हें दो साल और इंतजार करना होगा।
एक्लिप्स ऑफ द सेंचुरी
यह खबर उन सभी लोगों के लिए है जो सूर्यग्रहण की सही तारीख और इसके पीछे की हकीकत जानना चाहते हैं। NASA के मुताबिक, 2027 का यह सूर्यग्रहण इतना खास होगा कि इसे 'एक्लिप्स ऑफ द सेंचुरी' भी कहा जा रहा है।
यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना होगी जिसे देखने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक और खगोल प्रेमी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। तो आइए, सूर्यग्रहण के बारे में विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि ये क्या होता है और कितने प्रकार का होता है।
क्या होता है सूर्यग्रहण
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सूर्यग्रहण के प्रकार
खगोलविदों और वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूर्यग्रहण के चार प्रकार के होते हैं, जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि चंद्रमा सूर्य को किस हद तक ढकता है:
- पूर्ण सूर्यग्रहण (Total Solar Eclipse): यह तब होता है जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है। इस दौरान दिन में भी अंधेरा छा जाता है और सूर्य की कोरोना स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। यह सबसे प्रभावशाली प्रकार का सूर्यग्रहण होता है।
- वृत्ताकार सूर्यग्रहण (Annular Solar Eclipse): इस स्थिति में चंद्रमा सूर्य के बीच में आ जाता है, लेकिन वह सूर्य से थोड़ा छोटा दिखाई देता है। नतीजतन, सूर्य के चारों ओर एक चमकदार वलय (रिंग) या 'आग का छल्ला' (Ring of Fire) जैसा दिखाई देता है।
- आंशिक सूर्यग्रहण (Partial Solar Eclipse): यह तब होता है जब चंद्रमा सूर्य के केवल कुछ हिस्से को ही ढक पाता है। पृथ्वी के कुछ हिस्सों से देखने पर सूर्य का केवल एक छोटा सा हिस्सा ढका हुआ दिखाई देता है।
- हाइब्रिड सूर्यग्रहण (Hybrid Eclipse): यह एक दुर्लभ प्रकार का सूर्यग्रहण है जो पूर्ण और वृत्ताकार दोनों का मिश्रण होता है। पृथ्वी पर कुछ स्थानों से यह पूर्ण सूर्यग्रहण के रूप में दिखाई देता है, जबकि अन्य स्थानों से यह वृत्ताकार सूर्यग्रहण के रूप में दिखता है। ऐसा पृथ्वी की वक्रता के कारण होता है।
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क्या 2025 में कोई सूर्यग्रहण लगेगा
जैसा कि NASA ने साफ किया है कि इस साल 2025 में 2 अगस्त को कोई पूर्ण सूर्यग्रहण नहीं लगने वाला है। हालांकि, 21 सितंबर 2025 को एक आंशिक सूर्यग्रहण जरूर लगेगा लेकिन ये भारत में नजर नहीं आएगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और प्रशांत और हिंद महासागर के कुछ समुद्री इलाकों में ही देखा जा सकेगा।
खगोलविदों और वैज्ञानिकों के मुताबिक, 21 सितंबर के बाद, 17 फरवरी 2026 को एक वृत्ताकार सूर्यग्रहण लगेगा। यह भी मुख्य रूप से अंटार्कटिका जैसी ठंडी जगहों पर ही दिखाई देगा।
अंत में, 12 अगस्त 2026 को एक पूर्ण सूर्यग्रहण लगेगा, जो यूरोप के कुछ हिस्सों जैसे स्पेन , ग्रीनलैंड, आइसलैंड, रूस और पुर्तगाल के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। तो अगर आप इनमें से किसी जगह पर हैं, तो आपके लिए यह एक शानदार मौका हो सकता है।
2 अगस्त 2027 को क्या होगा खास
खगोलविदों के मुताबिक, साल 2027 में 2 अगस्त को लगने वाला पूर्ण सूर्यग्रहण वास्तव में बहुत खास होगा। इसे 'महान उत्तरी अफ्रीकी ग्रहण' भी कहा जा रहा है क्योंकि यह अफ्रीका के ज्यादातर देशों में नजर आएगा।
यह ग्रहण अल्जीरिया, मिस्र, लीबिया, मोरक्को, सऊदी अरब, स्पेन, यमन, ट्यूनीशिया, सूडान, सोमालिया और अफगानिस्तान जैसे देशों में दिखाई देगा। इन देशों के अलावा, दुनिया के कई अन्य हिस्सों में भी इस दिन आंशिक सूर्यग्रहण नजर आएगा।
इस ग्रहण की सबसे खास बात यह है कि यह लगभग 6 मिनट तक रहेगा, जो कि एक पूर्ण ग्रहण के लिए बहुत लंबा समय है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके बाद 100 साल तक ऐसा कोई लंबा सूर्यग्रहण देखने को नहीं मिलेगा।
2027 के बाद ऐसा ही एक लंबा सूर्यग्रहण शायद 2114 में ही होगा। यह एक ऐसी खगोलीय घटना होगी जिसे कई पीढ़ियां पहली बार अपनी आंखों से देखेंगी।
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इन बातों का रखें खास ध्यान
वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूर्यग्रहण देखना एक अद्भुत अनुभव हो सकता है, लेकिन इसे देखने के लिए सुरक्षा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। सूरज को सीधे देखना आपकी आंखों के लिए खतरनाक हो सकता है और स्थायी क्षति पहुंचा सकता है। इन बातों का ध्यान रखें:
- समय जानें: अपने इलाके में सूर्यग्रहण का सही समय पहले से जान लें ताकि आप पूरी तैयारी के साथ इसे देख सकें।
- सही चश्मे का प्रयोग करें: सूर्यग्रहण देखने के लिए केवल और केवल सर्टिफाइड सोलर व्यूइंग ग्लासेस या हैंडहेल्ड सोलर व्यूअर का ही इस्तेमाल करें। सामान्य धूप का चश्मा, एक्स-रे फिल्म, या किसी भी अन्य असुरक्षित तरीके से सूर्यग्रहण देखने की कोशिश न करें।
- साफ जगह चुनें: ऐसी जगह का चयन करें जहां से सूरज साफ दिखे और कोई इमारत या पेड़ रुकावट न डाले।
- बच्चों का ध्यान रखें: बच्चों को सूर्यग्रहण देखने के दौरान हमेशा अपनी निगरानी में रखें। उन्हें समझाएं कि सीधे सूरज को देखना कितना खतरनाक हो सकता है।
- सूर्यग्रहण एक प्राकृतिक घटना है जो हमें ब्रह्मांड की विशालता और सुंदरता की याद दिलाती है। अगली बार जब भी कोई सूर्यग्रहण लगे, तो उसे सुरक्षित तरीके से देखने का मौका न चूकें।
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