Lucknow. समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अब बागेश्वर धाम की खिलाफत करने वालों में शामिल हो गए हैं। एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में बागेश्वरधाम सरकार के सवाल पर उन्होंने सीधे-सीधे कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि ऐसे लोग देश के दुश्मन हैं, जो संविधान विरोधी बयान देते हैं, वो आतंकी हैं, ढोंगी और पाखंडी हैं। बाद में वे यह भी बोले कि धीरेंद्र शास्त्री न राष्ट्रपति हैं और न प्रधानमंत्री हैं, इसलिए उनके बयान के कोई मायने ही नहीं हैं।
यह था सवाल
स्वामी प्रसाद मौर्य से इंटरव्यू में यह सवाल किया गया था कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि हिंदु धर्म खतरे में है, उधर मौलाना लोग भी कहते हैं कि हमको डराने की कोशिश की जा रही है, इस पर आप क्या कहेंगे? इस सवाल के जवाब में स्वामी प्रसाद मौर्य ने सीधे-सीधे बागेश्वर धाम सरकार को देश का दुश्मन करार दे डाला।
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ऐसे तो सबको अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए
सवाल के जवाब में स्वामी प्रसाद मौर्य बोले कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, सीएम योगी और तमाम प्रदेशों के भाजपाई सीएम के रहते अगर हिंदु धर्म खतरे में है तो हम कहते हैं कि इन सबको अपने पद छोड़कर बाबा को पूरे अधिकार दे देना चाहिए। वही अगर धर्म के ठेकेदार बनते हैं तो वही सब ठीक करेंगे। शंकराचार्यों को भी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। सबको सरेंडर कर देना चाहिए। सब जाकर जो नए बाबा उदित हुए हैं, तथाकथित बाबा, उनकी शरण में चले जाना चाहिए। इसलिए बड़ी-बड़ी बातें छोड़कर जमीन पर आएं और देश को अंधेरे की ओर ले जाने का प्रयास न करें। संविधान विरोधी बातें न करें।
रामचरित मानस पर भी बोले मौर्य
जब स्वामी प्रसाद मौर्य से उनके रामचरित मानस को लेकर दिए गए बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सही बात तो यह है कि मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। मेरा मकसद किसी की आस्था को चोट पहुंचाना नहीं था। तुलसीदास जी की रामचरित मानस की चौपाई के कुछ अंश, जिनसे 97 फीसद लोगों का अपमान होता है, जो उनके लिए गाली समान हैं, कहीं नीच शब्द का प्रयोग किया गया है, कहीं पीटने का पात्र बताया गया है और सम्मान न देने की बात लिखी है। धर्म मानवता के सशक्तिकरण के लिए होता है, गाली कभी भी धर्म नहीं हो सकती। धर्म किसी को भी अपमानित करने का अधिकार नहीं है। धर्म कल्याण की बात करता है, कल्याण करने वाला किसी के अपशगुन, किसी को अपशब्द कहना, गाली देना, हम समझते हैं यह धर्म नहीं है।