Lucknow. कभी रामचरित मानस तो कभी बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री को लेकर विवादित बयान देने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का एक मामला दर्ज कर लिया गया है। दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य ने सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा में भड़काऊ नारा लगवाया था। जिसके बाद से हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल चुका है। पुलिस ने मौर्य के भाषण के आधार पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है।
बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दीन शाह गौरा स्थित कॉलेज में कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करने यहां पहुंचे थे। इस दौरान आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक नारा लगवाया था। नारे के शब्द थे ‘मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए श्रीराम’। इस दौरान मौर्य ने लोगों को आवाज देते हुए कहा ‘मिले मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गए.....‘ स्वामी का इशारा पाते ही लोगों ने ‘जय श्रीराम’ चिल्लाया था। इस नारे से हिंदू संगठनों में खासी नाराजगी देखी जा रही है।
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दर्ज हुआ मामला
इस मामले में जितेंद्र सिंह व मारुति त्रिपाठी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की अपील की, जिसे गंभीरता से लेते हुए शहर कोतवाली पुलिस ने मौर्य के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। हिंदू युवा वाहिनी के मारुति त्रिपाठी ने कहा कि सपा नेता ने भाषण देने के दौरान धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गई है।
मानस से लेकर संतों तक से दिक्कत
इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरित मानस के एक दोहे को लेकर बखेड़ा खड़ा कर चुके हैं। जिसके बाद दलित संगठनों ने देशभर में रामचरित मानस की प्रतियां भी जलाईं थीं। इसके अलावा मौर्य बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री समेत अनेक संतों पर भी विवादित टिप्पणी कर चुके हैं। हालांकि राजनैतिक विश्लेषक इसके पीछे दलित वोटरों को लुभाने की कोशिश को असल वजह बता रहे हैं।