NEW DELHI. आयकर विभाग ने 17 फरवरी, शुक्रवार को बयान जारी कर दावा किया कि बीबीसी के आय या लाभ संचालन पैमाने के अनुरूप नहीं है। गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद के बीच विभाग द्वारा किए गए सर्वे के बाद यह बयान आया है। 16 फरवरी को करीब 60 घंटे तक चलने वाला सर्वे समाप्त हुआ था। बयान में विभाग ने कहा कि सर्वेक्षण से पता चला है कि विभिन्न भारतीय भाषाओं (अंग्रेजी के अलावा) में सामग्री की पर्याप्त खपत के बावजूद, दिखाई गई आय संचालन के अनुपात में नहीं है।
जांच के दौरान कुछ अहम सबूत मिले
अब आईटी डिपार्टमेंट का कहना है कि बीबीसी की टैक्स अदायगी में खामी पाई गई है। विभाग के मुताबिक यह गड़बड़ियां ट्रांसफर प्राइसिंग के दस्तावेजों में पाई गई हैं। आईटी डिपार्टमेंट के सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान कुछ अहम सबूत पाए गए हैं, जिनसे दस्तावेजों में खामी की बात पता चलती है। कर्मचारियों के बयानों, डिजिटल प्रूफ और दस्तावेजों के आधार पर कुछ जानकारियां मिली हैं, जिनसे इन खामियों का पता चला है।
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सीबीडीटी का बयान
आयकर विभाग ने कहा, दस्तावेजों में समूह की आय और मुनाफा जो अलग-अलग कंपनियों के जरिए दिखाया गया है। वह भारत में उसके कामकाज के पैमाने से मेल नहीं खाता है। ट्रांसफर प्राइसिंग के डॉक्यूमेंटेशन में कई खामियां पाई गई हैं। सीबीडीटी की तरफ से जारी बयान में कहा गया, इंटरनेशनल मीडिया के कंपनी के दिल्ली और मुंबई स्थित परिसरों पर आईटी ऐक्ट के तहत छापेमारी की गई थी। इसके मुताबिक कॉन्टेंट की पर्याप्त खपत के बावजूद, विभिन्न समूह संस्थाओं द्वारा दिखाई गई आय/लाभ भारत में ऑपरेशन के पैमाने के अनुरूप नहीं है।
बीबीसी के कर्मचारियों और इनकम टैक्स की टीम के बीच हुई थी नोकझोंक
जब इनकम टैक्स के अधिकारियों ने 14 फरवरी को बीबीसी के दिल्ली कार्यालय में छापा मारा था तो बीबीसी के एडिटर्स और जांच के लिए पहुंचे इनकम टैक्स (आईटी) के अधिकारियों के बीच बहस हुई थी। इनकम टैक्स के अफसरों ने कहा कि वो बीबीसी दिल्ली के ऑफिस पर सभी सिस्टम की जांच करेंगे। इसके बाद आईटी अधिकारियों ने ऑफिस के कर्मचारियों के कंप्यूटर में 'शेल कंपनी', 'फंड ट्रांसफर', 'विदेशी ट्रांसफर' समेत चार कीवर्ड्स सिस्टम पर खोजे। बीबीसी एडिटर्स ने आईटी अधिकारियों से कहा था कि वे अपने सिस्टम पर किसी भी संपादकीय सामग्री का एक्सेस नहीं देंगे। इसी बीच भारत में बीबीसी के दफ्तरों में आईटी के इस छापे को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, हम भारतीय टैक्स अधिकारियों द्वारा दिल्ली में बीबीसी कार्यालयों की तलाशी के बारे में जानते हैं। हम दुनिया भर में स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समर्थन करते हैं।