NEW DELHI. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक गरीब छात्र के आईआईटी में एडमिशन मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी धनबाद (IIT Dhanbad) को उत्तर प्रदेश के रहने वाले दिहाड़ी मजदूर के बेटे को एडमिशन देने का आदेश दिया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने यह आदेश सुनाते हुए छात्र को 'ऑल द बेस्ट, अच्छा करिए' कहा है।
जानें पूरा मामला
मुजफ्फरनगर जिले के खतौली का रहने वाला 18 वर्षीय गरीब और दलित छात्र 17 हजार 500 रुपए फीस समय पर जमा नहीं कर पाया था। फीस भरने में देरी होने पर उसे आईआईटी (Indian Institutes of Technology ) में दाखिला नहीं मिल पाया। इसके बाद कोर्ट जाने का फैसला लिया, 3 महीने तक छात्र और मजदूर पिता ने एससी-एसटी आयोग के साथ ही झारखंड और मद्रास हाईकोर्ट के चक्कर काटे, यहां सफलता नहीं मिलने पर छात्र और पिता ने आखिर में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
छात्र को अधर में नहीं छोड़ सकते
आईआईटी धनबाद को एडमिशन देने का आदेश देते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अतुल कुमार जैसे प्रतिभाशाली युवा छात्र को हम जाने नहीं दे सकते। फीस जमा करने की समय सीमा समाप्त होने पर इस लड़के मझधार में नहीं छोड़ा जा सकता।
ऑल द बेस्ट, अच्छा करिए
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि छात्र ने प्रवेश पाने के लिए पूरी कोशिश की, उसे वंचित नहीं किया जाना चाहिए। इस छात्र को आईआईटी धनबाद में एडमिशन दिया जाए। साथ ही उसी बैच में रहने दिया जाए। मुख्य न्यायाधीश ने छात्र से ऑल द बेस्ट, अच्छा करिए कहते हुए शुभकामनाएं दी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने छात्र को छात्रावास सहित सभी सुविधाएं देने का आदेश सुनाया है। कोर्ट ने ये भी साफ किया है कि आईआईटी धनबाद में जो छात्र प्रवेश ले चुके हैं, उनके दाखिले पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि इस छात्र को अतिरिक्त सीट पर प्रवेश दिया जाएगा।
समय पर फीस जुटाने में विफल रहे थे पिता
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि छात्र अतुल कुमार के पिता मजदूरी करते हैं। एडमिशन के लिए 17 हजार 500 रुपए का जुटा पाना बहुत बड़ी बात है। पिता ने ग्रामीणों से रूपए जमा किए, लेकिन 24 जून की शाम 5 बजे तक निर्धारित फीस जमा करने में माता-पिता विफल रहे थे। गरीब पिता ने अंतिम दिन की शाम तक किसी तरह से रुपए का इंतजाम किया, इसके बाद जैसे ही अतुल ने अपने डॉक्यूमेंट अपलोड करना शुरू किया तो फीस जमा करने का टाइम खत्म हो गया।
दरअसल, परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण छात्र समय पर फीस जमा नहीं कर पाया था। पिता ने मजदूरी करके उसे पढ़ाया है, इस होनहार छात्र ने जेईई एडवांस्ड की परीक्षा पास की, जिसके बाद इसे आईआईटी धनबाद मिला, लेकिन यहां एडमिशन पाने के लिए 4 दिन में 17 हजार 500 रुपए फीस भराना था, मजदूर पिता ने फीस के लिए पैसे जुटाने के लिए पूरी कोशिश की लेकिन रुपए का इंतजाम नहीं हो पाया और लास्ट डेट खत्म हो गई।
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