NEW DELHI. सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर अहम टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि स्पेशल कोर्ट ने अगर शिकायत पर संज्ञान ले लिया है तो फिर जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) आरोपी को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट ( Prevention of Money Laundering Act ) के सेक्शन 19 के तहत गिरफ्तार नहीं कर सकती। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में साफ किया है कि ईडी को अगर आरोपी को हिरासत में लेना है तो उसे पहले संबंधित कोर्ट में आवेदन देना होगा और आवेदन से संतुष्ट होने के बाद ही कोर्ट, ईडी को आरोपी की हिरासत देगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर मनी लॉन्ड्रिंग केस में किसी आरोपी को ईडी ने जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया है और पीएमएलए कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेकर उसे समन जारी करता है, तो उसे कोर्ट में पेश होने के बाद पीएमएलए के तहत जमानत की दोहरी शर्त को पूरा करने की जरूरत नहीं होगी।
समन पर अदालत में पेश हुए आरोपी को हिरासत में नहीं माना जा सकता
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि अगर आरोपी समन (अदालत द्वारा जारी) के जरिए विशेष अदालत के समक्ष पेश होता है, तो यह नहीं माना जा सकता कि वह हिरासत में है, एजेंसी को संबंधित कोर्ट में हिरासत के लिए अप्लाई करना होगा। मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी अगर कोर्ट के समन के बाद पेश होता है तो उसे जमानत की अर्जी देने की जरूरत नहीं है। ऐसे में PMLA के सेक्शन 45 के तहत जमानत की शर्तें भी लागू नहीं हैं। अदालत के समन के बाद अगर आरोपी पेश होता है तो उसकी रिमांड के लिए ED को स्पेशल कोर्ट में एप्लिकेशन देनी होगी। कोर्ट तभी एजेंसी को कस्टडी देगी, जब वह संतुष्ट हो जाएगी कि कस्टडी में पूछताछ जरूरी है।
जमानत की शर्त
मनी लॉन्ड्रिंग केस में शर्तों के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अगर कोई आरोपी जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन करता है तो अदालत पहले सरकारी वकील को सुनेगी और जब वह संतुष्ट हो जाएगी कि आरोपी दोषी नहीं है और वह रिहा होने के बाद फिर से वैसा ही अपराध नहीं करेगा, तभी कोर्ट आरोपी को जमानत दे सकती है। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद ED के लिए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों को अरेस्ट करना मुश्किल होगा।
क्या कहता है सेक्शन 19
अदालत के फैसले का मतलब है कि जब ED ने उस आरोपी के खिलाफ शिकायत भेज दी है, जो जांच के दौरान गिरफ्तार नहीं किया गया था। तब अफसर PMLA एक्ट के सेक्शन 19 के तहत मिली स्पेशल पावर्स का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। सेक्शन 19 कहता है कि अगर ED को किसी आरोपी के अपराध में शामिल होने का शक है तो वह उसे गिरफ्तार कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने किया था सवाल
इस मामले 30 अप्रैल को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सवाल किया था कि अगर कोर्ट ने PMLA के तहत आरोपी को समन भेजा और वह पेश हुआ है तो क्या वो CrPc के तहत जमानत के लिए आवेदन कर सकता है? 30 अप्रैल को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरूवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। Decision on arrest of accused in money laundering case
मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी की गिरफ्तारी पर फैसला Decision on arrest of accused in money launder