सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सेवा अध्यादेश पर केंद्र-एलजी को जारी किया नोटिस, DERC चेयरमैन के शपथग्रहण पर हफ्तेभर की रोक

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Chandresh Sharma
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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सेवा अध्यादेश पर केंद्र-एलजी को जारी किया नोटिस, DERC चेयरमैन के शपथग्रहण पर हफ्तेभर की रोक

New Delhi. भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में लाए गए अध्यादेश की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर आज सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीईआरसी) के चेयरमैन के तौर पर रिटायर्ड जस्टिस उमेश कुमार के शपथग्रहण पर भी 11 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मामले पर सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख मुकर्रर की और केंद्र तथा अन्य से सुनवाई से एक दिन पहले अपने जवाब दाखिल करने को कहा।



एलजी ने दिया था 10 बजे तक शपथ दिलाने का निर्देश




उपराज्यपाल वीके सक्सेना के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के नामित अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) उमेश कुमार को मंगलवार सुबह 10 बजे तक शपथ दिलाने का निर्देश देने के बावजूद उन्हें शपथ नहीं दिलाई गई। दिल्ली की विद्युत मंत्री आतिशी कुमार को पद की शपथ दिलाने वाली थीं, लेकिन अचानक उन्हें कुछ ‘स्वास्थ्य संबंधी’ समस्याएं होने के कारण कार्यक्रम छह जुलाई तक के लिए टाल दिया गया।




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    गौरतलब है कि अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। दिल्ली सरकार ने कहा था कि केंद्र सरकार का अध्यादेश असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आप सरकार ने केंद्र सरकार के अध्यादेश पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई।



    अब तक क्या-क्या हुआ? 




    पहले दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग उप-राज्यपाल करते थे। इसके खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिया। इसके बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया। इस अध्यादेश के बाद सुप्रीम कोर्ट का आदेश निष्क्रिय हो गया। अरविंद केजरीवाल की सरकार इस अध्यादेश का विरोध कर रही है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रही और ये अध्यादेश असंवैधानिक है। 



    अदालत के साथ राजनीति के मैदान में भी लड़ रहे हैं केजरीवाल




    केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल दो तरह से लड़ रहे हैं। पहला वह इसके खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरा सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं। इस मसले पर समर्थन के लिए आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कई विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात भी कर चुके हैं।


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