New Delhi. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (21 जुलाई) को मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने राहुल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी। बता दें कि गुजरात हाई कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था, जिसमें सूरत अदालत ने 'मोदी' मामले में उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई थी।
आशंका : सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे राहुल
राहुल गांधी को अगर सुप्रीम कोर्ट से आने वाले दिनों में राहत नहीं मिलती है तो वे 2031 तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। दरअसल, नियमानुसार सजा पूरी होने के छह साल बाद तक कोई भी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है। इसी कारण राहुल दो साल की सजा के बाद अगले छह साल मतलब 2031 तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसलिए राहुल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी अपील में कहा है कि अगर 7 जुलाई के HC के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई, तो इससे अभिव्यक्ति और विचार का गला घोंट दिया जाएगा।
राहुल ने क्या की थी टिप्पणी
गुजरात सरकार में पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणी "सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी है" को लेकर गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था। हालांकि, राहुल ने कहा था कि वे भारत में वांछित दो भगोड़े प्रमुख व्यापारियों नीरव मोदी और ललित मोदी का जिक्र कर रहे थे। राहुल के बयान के खिलाफ भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी। सजा के खिलाफ राहुल गुजरात हाईकोर्ट भी गए थे, लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने 15 जुलाई को सजा पर रोक लगवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। वहीं, पूर्णेश मोदी ने भी कोर्ट से अपील की थी कि उन्हें सुने बिना फैसला नहीं दिया जाए।