Supreme Court ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति रोकने से क्यों किया इनकार, जानें वजह

कोर्ट का कहना है कि वह चुनाव आयुक्तों ( election commissioners )की नियुक्ति अधिनियम 2023 पर फिलहाल रोक नहीं लगा सकता, क्योंकि इससे अव्यवस्था फैल जाएगी।

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Marut raj
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Supreme Court refuses to stop the appointment of election commissioners द सूत्र
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भोपाल. दो नए चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू की नियुक्ति ( Appointment of election commissioners ) पर रोक लगाने वाली याचिका  सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने गुरुवार को खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि 2023 का फैसला नहीं कहता कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए सिलेक्शन पैनल में ज्यूडीशियल मेंबर होना चाहिए।

जानिए क्या कहा कोर्ट ने

जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि वह चुनाव आयुक्तों ( election commissioners )की नियुक्ति अधिनियम 2023 पर फिलहाल रोक नहीं लगा सकती, क्योंकि इससे अव्यवस्था फैल जाएगी। नए चुनाव आयुक्तों के खिलाफ भी कोई आरोप नहीं हैं। 

20 मार्च को केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर किया

इससे पहले केंद्र सरकार ने बुधवार 20 मार्च को हलफनामा दायर किया था। सरकार ने कहा था कि ये दलील गलत है कि किसी संवैधानिक संस्था की स्वतंत्रता तभी होगी, जब सिलेक्शन पैनल में कोई ज्यूडिशियल मेंबर जुड़े। इलेक्शन कमीशन एक स्वतंत्र संस्था है।

कानून बनने तक था 2023 का फैसला

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच के 2023 के फैसले में यह कहीं नहीं कहा गया था कि नए कानून में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए चयन पैनल में ज्यूडीशियरी से एक सदस्य होना जरूरी है। फैसले में एक सिलेक्शन पैनल बनाने का प्रस्ताव था, जिसमें प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और CJI को शामिल किया जाए। बेंच ने यह भी कहा कि यह प्रस्ताव केवल संसद के कानून बनाए जाने तक था। फैसले का मकसद संसद को कानून बनाने के लिए प्रेरित करना था क्योंकि वहां खालीपन था। हालांकि इसमें यह नहीं बताया गया था कि किस तरह का कानून बनाया जाना चाहिए।

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