Mumbai. महाराष्ट्र में दो फाड़ हो चुकी शिवसेना के मामले पर गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है। जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के समर वेकेशन शुरू होने वाले हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जो फैसला सुरक्षित रखा है उसे सुना दिया जाए। यह फैसला देश के सबसे कमाऊ राज्य में आने वाले डेढ़ साल तक किसका शासन रहना है यह तय करने वाला है। उधर बाल ठाकरे की शिवसेना के दो गुट उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट बेसब्री से इस फैसले का इंतजार कर रहे हैं। जनता की निगाह भी शीर्ष कोर्ट के इस फैसले पर टिकी हुई है।
संजय राउत बोले- कल फैसला हो जाएगा
उद्धव गुट की ओर से राज्यसभा सदस्य और सामना के संपादक संजय राउत ने कहा है कि कल फैसला होगा कि यह देश संविधान से चलता है या नहीं। देश में लोकतंत्र जिंदा है या नहीं। उन्होंने कहा कि कल यह भी फैसला होगा कि हमारी न्याय व्यवस्था किसी दबाव में काम कर रही है या नहीं। क्योंकि जो देश संविधान से नहीं चलता तो आप पाकिस्तान की हालत देख लीजिए।
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बहुमत में है सरकार- नारवेकर
उधर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर ने यह कहा है कि मौजूदा सरकार के पास बहुमत है, फैसला जो भी आए, मेरे स्पीकर बनने के बाद यह सरकार बहुमत परीक्षण में सफल रही थी। संख्या बल के लिहाज से भी सरकार के पास बहुमत है, चाहे कोई भी फैसला आए। इससे पहले नारवेकर कह चुके हैं कि विधायकों की अयोग्यता के संबंध में निर्णय का विशेषाधिकार विधानसभा अध्यक्ष को है। उन्होंने कहा था कि न्यायपालिका अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्य से अच्छी तरह वाकिफ है।
ठाकरे गुट भी आश्वस्त
उधर उद्धव ठाकरे गुट के नेता आदित्य ठाकरे का कहना है कि हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, संविधान का पालन करने से ही देश को फायदा होगा। उधर शिंदे गुट के नेता संजय शिरसाट कह रहे हैं कि जानकारी मिली है कि सुप्रीम कोर्ट 16 विधायकों की अयोग्यता पर कल अपना आदेश सुनाएगा। कल सब कुछ साफ हो जाएगा, मैं भी उन 16 में से एक हूं। मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट हमारे पक्ष में फैसला सुनाएगा।
चुनाव आयोग शिंदे गुट को दे चुका है मान्यता
बता दें कि चुनाव आयोग एकनाथ शिंदे के गुट को मान्यता दे चुका है। उसने इस गुट को ही असली शिवसेना करार किया है। दरअसल जब शिंदे ने बगावत की थी तो उनके साथ 11 एमएलए थे। उद्धव ठाकरे ने एक बैठक बुलाई थी जिसमें शिंदे समेत 12 विधायक अनुपस्थित रहे। जिसके बाद उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने वाले 12 विधायकों की अयोग्यता को लेकर याचिका दायर की थी। बाद में इन 12 में 4 विधायक और शामिल हो गए थे और कुल 16 विधायक हो गए थे।