JAIPUR. राजस्थान की राजधानी जयपुर के सचिवालय से कुछ ही दूर मिले काला धन का मामला सुर्खियों में आ छाया हुआ है। दरअसल, योजना भवन स्थित सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग दफ्तर में रखी एक अलमारी में 2000 के 7,298 नोट यानी एक करोड़ 45 लाख 96 हजार रुपए, 500 के 17 हजार 107 नोट, जिनका मूल्य 85 लाख 53 हजार 500 रुपए मिले हैं। उस बैग में एक किलो वजनी सोने की एक सिल्ली भी मिली। जिसमें 'मेड इन स्विट्जरलैंड' लिखा हुआ था। सोने की कीमत बाजार भाव के अनुसार करीब 62 लाख रुपए आंकी जा रही है।
नोट का चलन वापस के फैसले के दिन मिले नोट
आरबीआई द्वारा 2000 के नोटों को चलन से वापस लेने का फैसला 19 मई को किया गया। उसी दिन जयपुर के योजना भवन स्थित सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग दफ्तर की अलमारी में 2.31 करोड़ रुपए से ज्यादा का काला धन बरामद किया गया है। यह मामला अलमारी की चाबी गुम हो जाने के दौरान हुआ। इस विभाग में दस्तावेजों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इसी दौरान शुक्रवार को विभाग के दफ्तर में रखी एक अलमारी की चाभी नहीं मिल रही थी। यह देख विभाग के अधिकारियों ने टेक्नीशियन को बुलाकर लॉक तुड़वा दिया। गेट खुलने पर अलमारी में उन्होंने फाइलों के अलावा एक संदिग्ध बैग रखा देखा। इसकी सूचना एक अतिरिक्त निदेशक की तरफ से पुलिस को दी गई।
पुलिस ने 6 लोगों को हिरासत में लिया
जयपुर पुलिस अमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि जब बैग को खोला गया तो उसमें से 2.31 करोड़ रुपए नकद और एक किलोग्राम वजनी सोने की सिल्ली बरामद की गई। इस मामले में अब तक 6 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। वहीं, यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह काला धन किसका है।
टेंडर से मिला काला धन
शीर्ष सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया, शुरुआती जांच से पता चलता है कि काला धन विभाग के सरकारी अधिकारियों का है. उन्होंने ही अलमारी में पैसा छिपा रखा था. पैसा उन ठेकेदारों के माध्यम से अर्जित किया गया था जिन्हें कुछ महीने पहले टेंडर बांटे गए थे. हालांकि, सटीक जानकारी का पता लगाना अभी बाकी है। इस बीच, पुलिस सरकारी विभाग के सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है और अधिकारियों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रही है। वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस मामले के पूरे अपडेट पर व्यक्तिगत रूप से नजर रख रहे हैं।
ब्लैक मनी मिलने के बाद हुआ बवाल
सरकारी विभाग की अलमारी से काले धन की बरामदगी के बाद राजनीति भी गरमा गई है। बीजेपी सांसद व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट करते हुए कहा- काला धन निगलकर गहलोत सरकार का पेट ऊपर तक भर दिया गया है। इसलिए आज सचिवालय ने करोड़ों की नकदी और सोना उगल दिया। यह इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि विकास में निरंतर नीचे जा रहे राज्य में भ्रष्टाचार किस ऊंचाई पर पहुंच गया है।, ये उसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। सरकारी की लीपापोती जारी है लेकिन जनता से कुछ भी छिपा नहीं है।
गहलोत सरकार भ्रष्टाचार के रक्षक की निभाग रही है भूमिका-राठौड़
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा- भ्रष्टाचार की गंगोत्री आखिरकार सचिवालय पहुंच ही गई। वहां करोड़ों की नगदी और सोना बरामद होना इस बात का सबूत है कि गहलोत सरकार भ्रष्टाचार के रक्षक की भूमिका में है। 2000 रुपए के नोटों के चलन से बाहर करने का बयान देने वाले मुख्यमंत्री जी आप केवल इतना बता दीजिए कि आपका सचिवालय 2 हजार के अनगिनत नोटों को क्यों उगल रहा है? योजना भवन के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में किन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए करोड़ों रुपए छिपाकर रखे गए?