/sootr/media/post_banners/9dd25fc58f7384273210864233a9eadd0c2dd2747ed55ef2b14822101c2aa334.jpeg)
Chennai. तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की बर्खास्तगी 29 जून की देर रात अचानक टल गई। राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि अटार्नी जनरल की कानूनी राय के बाद वे इस पर अंतिम फैसला लेंगे। मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को इसके बारे में सूचित किया है। गुरुवार (29 जून) की शाम को राज्यपाल ने ही हिरासत में चल रहे मंत्री को बर्खास्त किया था, जिसका मुख्यमंत्री स्टालिन ने आलोचना की थी। वहीं बीजेपी का कहना था कि राज्यपाल ने मंत्री को बर्खास्त कर सही फैसला किया था।
राज्यपाल ने क्यों उठाया था बालाजी को बर्खास्त करने का कदम
सूत्रों ने बताया कि बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने के आदेश को राज्यपाल ने अगले आदेश तक स्थगित रखा है। इससे पहले नौकरी के बदले नकदी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद राज्यपाल ने ही बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया था।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने राज्यपाल के आदेश पर उठाए थे सवाल
मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा था कि राज्य सरकार राज्यपाल के फैसले को कानूनी रूप से चुनौती देगी। राज्यपाल के पास किसी मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है। मामला तूल पकड़ने पर राज्यपाल ने बर्खास्तगी के आदेश को फिलहाल टाल दिया है।
बालाजी की न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक बढ़ाई गई
बुधवार (28 जून) को चेन्नई सत्र न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एस अली ने मंत्री सेंथिल बालाजी की न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक बढ़ाने का आदेश दिया था। वर्तमान में, वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही एक आपराधिक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आइपीसी के तहत कुछ अन्य आपराधिक मामलों की जांच राज्य पुलिस द्वारा की जा रही है।
मामले में राजनीति विश्लेषक क्या बोले?
इस मामले में राजनीतिक विश्लेषक दुरई करुणा ने कहा कि मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल करना या हटाना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा कि पिछले करीब चार-पांच दशकों में मैंने किसी राज्यपाल को मुख्यमंत्री की सिफारिश के बिना किसी मंत्री को मंत्रिमंडल से हटाने का मामला देखा या सुना नहीं है।
14 जून को पुलिस ने बालाजी को किया गिरफ्तार
गौरतलब है कि 47 वर्षीय बालाजी की 14 जून को गिरफ्तारी के बाद सरकार ने उन्हें मंत्रिमंडल में बरकरार रखा। हालांकि, उनके पास कोई विभाग नहीं है और उनके विभागों को वित्त मंत्री थंगम थेन्नारासु (बिजली) और आवासीय मंत्री मुथुसामी (आबकारी) को सौंप दिया गया।
बालाजी को बर्खास्त कर राज्यपाल ने लिया सही निर्णय: बीजेपी
इस मुद्दे पर तमिलनाडु बीजेपी के उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने कहा कि द्रमुक नेता सेंथिल बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करके राज्यपाल आरएन रवि ने नैतिक रूप से सही निर्णय लिया है। राज्यपाल को बर्खास्त करने का पूरा अधिकार है, क्योंकि वह मंत्रियों की नियुक्ति करते हैं। उन्होंने कारण बताया है कि उन्होंने सेंथिल बालाजी को क्यों बर्खास्त किया।