केदारनाथ के नाम पर अब दिल्ली में नहीं बनेगा मंदिर, संतों के विरोध के बाद ट्रस्ट का अहम फैसला

केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने कहा था कि केदारनाथ धाम साक्षात हिमालय में बसा हुआ है। इसका अपना महत्व है। इसके बावजूद दिल्ली में जाकर केदारनाथ मंदिर का शिलान्यास करना धर्म के लिए अहित है।

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
New Update
STYLESHEET THESOOTR - 2024-07-16T180544.800
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

दिल्ली में बनने जा रहे केदारनाथ धाम मंदिर का नाम अब बदल जाएगा। मंदिर के नाम को लेकर उत्तराखंड में संतों भारी नाराजगी जताई थी। जिसके बाद मंगलवार यानी आज ट्रस्ट ने नाम बदलने का फैसला लिया है। दरअसल इस मंदिर का 10 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिलायंस किया था। उसके बाद निर्माण कार्य में तेजी आई है। हालांकि, मंदिर का नाम केदारनाथ धाम रखे जाने से उत्तराखंड के केदारनाथ पुरोहित समाज में नाराजगी देखने को मिल रही थी।

बदलेगा मंदिर का नाम

केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र रौतेला ने साफ कर दिया है कि ट्रस्ट मंदिर का नाम बदलेगा। अभी इस मंदिर का नाम केदारनाथ धाम दिल्ली रखा गया है। सुरेंद्र रौतेला ने कहा, भावनाएं भड़काई जा रही हैं। अगर दिल्ली में बनने वाले मंदिर का नाम केदारनाथ मंदिर रखने से आहत हैं तो ट्रस्ट मंदिर का नाम बदलेगा। 

ट्रस्ट के बयान पर खड़ा हुआ विवाद

इस कार्यक्रम में भूमि पूजन और निर्माण का कार्य देख रहा केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने एक अजीबोगरीब बयान दिया जिस पर विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि जो बुजुर्ग हैं केदारनाथ धाम नहीं जा पाते हैं वो अब दिल्ली में बाबा के दर्शन कर सकते हैं। 

धर्मगुरु के विरोध के बाद ट्रस्ट का फैसला 

वहीं, जगदगुरु अविमुखतेश्वरानंद ने सरकार की आलोचना की और कहा था कि जिस धाम को जगदगुरु आदिशंकराचार्य ने बनाया उसके जैसा आप कहीं और कैसे बना सकते हैं। केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने कहा था कि केदारनाथ धाम साक्षात हिमालय में बसा हुआ है। इसका अपना महत्व है। इसके बावजूद दिल्ली में जाकर केदारनाथ मंदिर का शिलान्यास करना धर्म के लिए अहित है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ मंदिर की महता और अखंडता बनी रहनी चाहिए। इसकी धार्मिकता को खराब नहीं किया जाना चाहिए।

विवाद में सियासत की एंट्री

कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने कहा, मुख्यमंत्री खुद केदारनाथ से केदारशिला उठाकर वहां ले जा रहे हैं और उसका शिलान्यास कर रहे हैं। इस बात को प्रचारित किया जा रहा है कि जो व्यक्ति केदारनाथ नहीं जा पाएगा वह यहां दर्शन कर सकता है। ये हमारे हितों पर कुठाराघात है, हमारी आस्था पर कुठाराघात है इसीलिए हम इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं।

केदारनाथ धाम ट्रस्ट सिर्फ केदारनाथ में हो सकता

गणेश गोदियाल ने कहा अभी भी वक्त है, मुख्यमंत्री से हमारा निवेदन है कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें। हमें उस ट्रस्ट के नाम, केदारनाथ धाम ट्रस्ट, पर आपत्ति है। केदारनाथ धाम ट्रस्ट सिर्फ केदारनाथ में हो सकता है। दूसरी बात हम उस मंदिर के स्वरूप से भी सहमत नहीं हैं। मुख्यमंत्री अपने प्रभाव का उपयोग करके इन दोनों बातों को ठीक कर दें।

दिल्ली के बुराड़ी का जिक्र महाभारत काल से

पहले दिल्ली में बनाए जा रहे केदारनाथ मंदिर को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने कहा था कि दिल्ली में बाबा केदार के मंदिर के निर्माण से सभी शिव भक्तों की मनोकामना पूर्ण होगी। बुराड़ी क्षेत्र का जिक्र हमारे पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। इस क्षेत्र का संबद्ध महाभारत काल से भी है। बुराड़ी की पावन धरती पर उत्तराखण्ड और सनातन संस्कृति के मूल परिचायक बाबा केदारनाथ जी का धाम हमारी संस्कृति और आस्था का आधुनिक प्रतीक बनेगा। 

thesootr links

 द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

sandeep mishr

दिल्ली में नहीं बनेगा मंदिर केदारनाथ धाम ट्रस्ट केदारनाथ केदारनाथ धाम