New Delhi. साल 2000-01 में इराक के आसमान पर उड़ने वाले विशाल बमवर्षक विमान बी-1बी अब भारत आने वाले हैं। चकराइये नहीं, भारत सरकार अमेरिका से इन विमानों को खरीदने नहीं जा रहा। बल्कि ये भारतीय वायुसेना के साथ हो रहे सैन्य अभ्यास में शामिल होंगे। इन विमानों की खासियत यह है कि ये एक बेस से पूरी दुनिया में कहीं भी हमला कर सकते हैं। यहां तक कि ये परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम हैं। अमेरिका की वायुसेना उसकी सबसे बड़ी ताकत है, वहीं बी-1बी विमान उसकी वायुसेना के सबसे विशाल विमान हैं।
4 क्रू लगते हैं इसे उड़ाने में
बता दें कि इस भारी-भरकम विमान को उड़ाने के लिए 4 क्रू लगते हैं। जिसमें एक कमांडर, एक पायलट, एक ऑफेंसिव सिस्टम्स ऑफिसर और डिफेंसिव सिस्टम ऑफिसर शामिल रहते हैं। बी-1बी लांसर की लंबाई 146 फीट है, इसके पंखों की चौड़ाई 137 फीट है। ऊंचाई 34 फीट है, बिना किसी हथियार के इसका वजन 87 हजार 90 किलोग्राम रहता है। हथियारों के साथ इसका वजन 2 लाख 16 हजार किलोग्राम हो जाता है। यह विमान 40 हजार फीट की ऊंचाई पर करीब 15सौ किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भरता है। यह विमान एक ही बार में 9 हजार 4 सौ किमी तक उड़ान भर सकता है। यही नहीं बिना किसी हथियार के यह एक बार में 12 हजार किमी तक उड़ान भरने में सक्षम है।
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यह विशाल बमवर्षक विमान अमेरिका के मदर ऑफ ऑल बम को भी ले जाने में सक्षम है। बीते सालों में सीरिया में इस विमान के जरिए अमेरिका ने वहां काफी बमबारी की थी। भविष्य में इस विमान में हाइपरसोनिक मिसाइल लगाने की भी योजना है। हाइपरसोनिक मिसाइल 16 सौ किमी तक की रेंज में हवा से जमीन पर मार कर सकती है। बी-1बी विमान के साथ इस मिसाइल के लग जाने से यह अमोघ साबित हो जाएगा।
बेहद एडवांस रडार सिस्टम से है लैस
बता दें कि इस विशाल बमवर्षक विमान में अत्याधुनिक रडार सिस्टम लगा हुआ है जो दुश्मन के किसी भी हथियार की जानकारी हासिल कर लेता है। इसमें डिफेंसिव जैमिंग सिस्टम भी है। जो दुश्मन के इलाके में जाते ही उनके सिस्टम को जाम कर सकता है।