कोरोमंडल एक्सप्रेस को सीधा जाना था, फिर क्यों गई लूप लाइन पर? प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा, पीएम मोदी को की गई ब्रीफ

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BP Shrivastava
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कोरोमंडल एक्सप्रेस को सीधा जाना था, फिर क्यों गई लूप लाइन पर? प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा, पीएम मोदी को की गई ब्रीफ

BALASORE. ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस दुर्घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट  बालासोर रेल हादसे का सच बयां कर रही है। इस रिपोर्ट के अनुसार, इंटरलॉकिंग सिस्टम लूप लाइन पर सेट था और सिग्नल ग्रीन होने की वजह से ट्रेन आगे गई थी। ये रिपोर्ट पीएम नरेंद्र मोदी को ब्रीफ की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोमंडल एक्सप्रेस को सीधा जाना था, लेकिन इंटरलॉकिंग सिस्टम लूप लाइन पर सेट होने के कारण ये ट्रेन सीधे इसी लाइन में चली गई। रिपोर्ट में ट्रेनों की आवाजाही समेत पूरा ब्योरा दिया गया है। 





इंटरलॉकिंग सिस्टम फेल होने को लेकर कई सवाल





जानकार बताते हैं कि सिग्नल ग्रीन होने के बावजूद अगर इंटरलॉकिंग सिस्टम सिग्नल के अनुरूप नहीं है बल्कि दूसरी दिशा में है तो इसका मतलब है कि इंटरलॉकिंग सिस्टम यहां टूट गया। ये गड़बड़ी कैसे हुई। क्या ये गड़बड़ी किसी तकनीकी खराबी के कारण थी या कोई मानवीय चूक है या कोई साजिश थी? ऐसे कई सवाल हैं।





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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा





रेलवे का ऐसा मानना है कि उनका जो सिग्नलिंग का सिस्टम है उसमें ये चूक संभव नहीं है। पहले कभी ऐसे देखा नहीं गया कि सिग्नल अलग हो और इंटरलॉकिंग अलग बताता हो। ये सिस्टम बहुत मजबूत होता है। इस हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि ये हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और पॉइंट मशीन में किए गए बदलाव के कारण हुआ है। 





लूप लाइन में कैसे चली गई कोरोमंडल एक्सप्रेस?





कोरोमंडल एक्सप्रेस को सिग्नल दिया गया था और इसे अप मेन लाइन के लिए रवाना किया गया था, लेकिन ट्रेन अप लूप लाइन में चली गई थी और लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकराकर पटरी से उतर गई थी। इस बीच बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस डाउन मेन लाइन से गुजर रही थी और कोरोमंडल के पलटे हुए डिब्बे इससे टकरा गए। 





सिग्नल को कैसे करते हैं इंटरलॉक 





ग्रीन सिग्नल का मतलब है कि हर तरह से ड्राइवर जानता है कि उसके लिए आगे का रास्ता साफ है और वह अपनी अधिकतम गति के साथ आगे जा सकता है। सिग्नल को इस तरह से इंटरलॉक किया जाता है कि इससे पता लग जाता है कि आगे की लाइन व्यस्त है या नहीं। इंटरलॉकिंग प्रणाली ट्रेन को स्टेशन से बाहर ले जाने का सुरक्षित तरीका है। हादसे से संबंधित एक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस स्टेशन पर लूप लाइन में प्रवेश कर गई, जिस पर लोहे के सामान से लदी एक मालगाड़ी खड़ी थी। 





बालासोर ट्रेन हादसे में अब तक 278 की मौत





ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार (2 जून) को हुए इस हादसे में अब तक 278 लोगों की जान जा चुकी है और 1000 से ज्यादा लोग घायल हैं। जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। रेलवे बोर्ड ने इस दुर्घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। रेलवे ने इस दुर्घटना के पीछे बाहरी हस्तक्षेप या तोड़फोड़ की आशंका जताई है। सीबीआई ने मंगलवार (6 जून) को इस हादसे के संबंध में केस दर्ज करते हुए जांच अपने हाथ में ले ली है।



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