BENGALURU. 23 अगस्त का दिन अंतरिक्ष में भारत के लिए ऐतिहासिक और सुनहरा दिन बन गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम ने चांद की सतह पर कुछ समय पहले 6 बजकर 5 मिनट पर सफल लैंडिग की है। इसी के साथ इसरो का मिशन चंद्रयान-3 सफल हो गया है। अब भारत दुनिया सबसे सस्ते (615 करोड़ रुपए) मून मिशन को अंजाम देने वाला पहला देश बन गया हैं। सफल लैंडिंग के साथ ही भारत- अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथी अंतरिक्ष महाशक्ति बन गया। चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हो गई है। पूरे देश में जश्न शुरू हो चुका है।
चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ भारत ने रचा इतिहास
मून मिशन चंद्रयान-3 को लेकर भारतवासियों के साथ साथ दुनियाभर की नजर भारत और इसरो पर टिकी हुई थी। इस गौरव भरे क्षण को लेकर हर भारत वासी उत्साहित और भावुक हो गया हैं। भारत का मून मिशन चंद्रयान-3 भारत के कई स्पेस मिशन में से सबसे अहम प्रोजेक्ट रहा हैं, इंडियन स्पेस एजेंसी इसरो ने एक फिर बार अंतरिक्ष में अपनी सफलता का लोहा मनवाया है। आइए इसी के जानते हैं इस मिशन के चांद तक पहुंचने कितना समय और पैसा लगा है।
चंद्रयान-3 के खर्च से ज्यादा हॉलीवुड फिल्म इंटरस्टेलर और अवतार का बजट
भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 का बजट कई हॉलीवुड फिल्मों से कम है। हॉलीवुड फिल्म इंटरस्टेलर और अवतार की बात करें तो इस इन फिल्मों का बजट चंद्रयान-3 के खर्च से काफी अधिक है। चंद्रयान-3 का बजट बॉलीवुड फिल्म आदिपुरुष से भी कम है। आदिपुरुष का बजट 700 करोड़ रुपये था। वहीं कई हॉलीवुड फिल्मों का बजट चंद्रयान-3 के बजट से ज्यादा है। साइंस पर आधारित हॉलीवुड की फिल्म इंटरस्टेलर का बजट 165 मिलियन डॉलर यानी 1300 करोड़ रुपए था। वहीं, हॉलीवुड फिल्म अवतार का बजट करीब 1970 करोड़ रुपए था।
615 करोड़ रुपए चंद्रयान-3 का बजट
आपको बता दे कि चंद्रयान-3 का बजट सिर्फ 75 मिलियन डॉलर या 615 करोड़ रुपए है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसरो के पूर्व चेयरमैन के सिवन ने अनुमान लगाया कि अंतरिक्ष यान के लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल की लागत लगभग 250 करोड़ रुपए होगी। इस मिशन के तहत लॉन्च सर्विस पर 365 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत है। यह मून मिशन 2021 में ही लॉन्च होना था। लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह लेट हो गया। आपको बता दे कि भारत के इस चंद्रयान मिशन का खर्च दुनिया के मून मिशनों में सबसे कम है। अब दुनिया के लोग भी चकित हैं कि भारत ने इतने कम बजट में कैसे मून मिशन लॉन्च कैसे कर दिया।
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मिशन पर एक नजर...
चंद्रयान-2 के असफल होने के बाद से ही ISRO ने चंद्रयान-3 की तैयारी को लेकर आगे बढ़ गया था। 22 जुलाई, 2019 को 14:43 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र (एस डी एस सी), श्रीहरिकोटा से जी एसएलवी मार्क-III एम1 द्वारा चंद्रयान-2 लॉन्च किया गया था। 20 अगस्त को चंद्रयान-2 अतंरिक्ष यान चांद की कक्षा में प्रवेश भी कर गया, लेकिन 02 सितंबर को चांद की ध्रूवीय कक्षा में चांद का चक्कर लगाते समय लैंडर 'विक्रम' अलग हो गया और सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर का स्पेस सेंटर से संपर्क टूट गया था। इसी क्रम में चंद्रयान 3 को भी 14 जुलाई 2023 को लॉन्च किया गया। धरती से लगभग 384,400 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद 23 अगस्त (बुधवार) की शाम को चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर चांद की सहत पर उतर गया है। 23 अगस्त से 5 सितंबर के बीच दक्षिणी ध्रुव पर धूप निकलेगी, जिसकी मदद से चंद्रयान का रोवर चार्ज हो सकेगा और अपने मिशन को पूरा करेगा।