सुधर रही है राज्यों की माली हालत, मध्य प्रदेश की देनदारी 0.9% घटी, छह प्रदेशों पर कर्ज का बोझ ज्यादा

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Chandresh Sharma
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सुधर रही है राज्यों की माली हालत, मध्य प्रदेश की देनदारी 0.9% घटी, छह प्रदेशों पर कर्ज का बोझ ज्यादा

New Delhi. केंद्र सरकार ने बताया है कि उसके पास कर्ज में डूबे राज्यों को उबारने संबंधी कोई प्रस्ताव न तो आरबीआई से और न ही संबंधित राज्यों से आया है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्य सभा में एक लिखित सवाल के जवाब में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना काल में केंद्र के साथ ही राज्यों पर कर्ज का जो बोझ बढ़ा था उसमें कमी आने लगी है। मप्र में सकल घरेलू उत्पादन (एसजीडीपी) के मुकाबले कुल देनदारियों का अनुपात वर्ष 2021 में 29.8 फीसदी था जो वर्ष 2023 में घटकर 28.9 फीसदी रह गया। ऐसे ही स्थिति कई राज्यों की भी है। 



छह राज्यों पर एसजीडीपी का अनुपात 40% से ज्यादा 




केंद्र सरकार के अनुसार, देश के अधिकांश राज्यों पर कर्ज का बोझ उनकी सकल घरेलू उत्पादन (SGDP) के मुकाबले अब कम हो रहा है। हालांकि, अभी भी छह प्रदेश ऐसे हैं जिन पर बाहरी दायित्व और एसजीडीपी का अनुपात 40 फीसद से ज्यादा बना हुआ है। वित्त राज्य मंत्री ने कहा, उनके मंत्रालय को आरबीआइ की तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं प्राप्त हुआ है, जिसमें हरियाणा समेत सबसे ज्यादा कर्ज में डूबे पांच राज्यों की स्थिति सुधारने की बात हो। 



उप्र समेत कई राज्यों के सुधरे हालात




वित्त राज्य मंत्री के अनुसार, बिहार के एसजीडीपी के मुकाबले कुल देनदारियों का अनुपात वर्ष 2021 में 38.7 फीसदी था जो वर्ष 2023 में घटकर 38.6 फीसदी, उत्तर प्रदेश के यह अनुपात इस अवधि में 36.4 फीसदी से घटकर 32.6 फीसदी, पंजाब के लिए 48.7 फीसदी से घटकर 47.6 फीसदी, हिमाचल प्रदेश के लिए 44 फीसदी से घटकर 41.9 फीसदी, झारखंड के लिए 36.3 फीसदी से घटकर 34.1 फीसदी , उत्तराखंड के लिए 32.1 फीसदी से घटकर 32 फीसदी, मध्य प्रदेश के लिए 29.8 फीसदी से घटकर 28.9 फीसदी रह गया है।



2023 में देश पर 155.6 लाख करोड़ का था कर्ज




अगर पूरे देश पर बात करें तो वित्त राज्य मंत्री के मुताबिक 31 मार्च, 2023 को देश पर कुल 155.6 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। यह देश की कुल जीडीपी के मुकाबले 57.1 फीसद है। जबकि 31 मार्च, 2021 को यह अनुपात 61.5 फीसद था। इसमें लगातार गिरावट आ रही है। 



वित्त मंत्रालय ने राज्यों को किया आगाह 




वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार की तरफ से भी कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं भेजा गया है, जिसमें उन पर बढ़े कर्ज की स्थिति से बाहर निकलने के लिए मदद मांगी गई हो। यह सूचना केंद्र को मिली है कि कुछ राज्यों ने अपनी राज्य सरकारी निगमों व विशेष तौर पर गठित कंपनियों के जरिए उधारी ले रही हैं और इन पर ब्याज दायित्व का प्रबंधन राज्य के बजट में किया जा रहा है। वित्त मंत्रालय ने इस बारे में राज्यों को आगाह कर दिया है कि इस तरह की उधारी या देय ब्याज की गणना उनकी उधारी में ही की जाएगी।


आरबीआई का दिया हवाला राज्यसभा में कर्ज घटने की जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी एसजीडीपी के मुकाबले देनदारियों घटीं cited RBI information about reduction in debt in Rajya Sabha Minister of State for Finance Pankaj Chowdhary Liabilities decreased as compared to SGDP
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