राजस्थान- लाल डायरी से चर्चा में आए पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने तीन पन्ने किए रिलीज, जानें पहला खुलासा किस नाम का...

author-image
Chakresh
एडिट
New Update
राजस्थान- लाल डायरी से चर्चा में आए पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने तीन पन्ने किए रिलीज, जानें पहला खुलासा किस नाम का...

JAIPUR. एक पखवाड़े से भी ज्यादा समय से राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा रही लाल डायरी के कुछ राज आखिरकार आज पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने सबके सामने ला ही दिए। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने तीन पन्ने प्रेस को उपलब्ध कराए। जिनमें धर्मेंद्र राठौर के हवाले से कुछ बातें लिखी हुई हैं। हालांकि यह साफ करना अभी बाकि है कि यह हैंडराइटिंग वास्तव में कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ की ही है और क्या सचमुच उन्होंने ऐसा कुछ इस डायरी में लिखा हुआ है?



विगत दिनों विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरने के बाद बर्खास्त हुए राजस्थान के मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा सदन से बाहर आते ही अपनी ही सरकार पर हमलावर हो गए थे। उन्होंने एक लाल डायरी का जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि ऐसे राज दफन हैं जिनसे गहलोत सरकार हिल सकती है। इसके बाद राजस्थान की राजनीति एकदम से गरमा गई। इस मामले को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सीकर रैली के दौरान चटखारे लेकर सुनाया था। लाल डायरी की बात आते ही इसको सार्वजनिक करने की मांग भी राजेंद्र सिंह गुढ़ा से की जाने लगी थी। आज 2 अगस्त को विधानसभा दोबारा से शुरू हुई तो उसके ठीक पहले राजेंद्र गुढ़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डायरी के 3 पन्नों की फोटोकॉपी मीडिया को उपलब्ध कराई। 



पहला पन्ना.. CM पुत्र वैभव के नाम...



publive-image



इस पन्ने पर लिखा है कि मेरे और वैभव जी के बीच RCA- राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के बारे में लेकर चर्चा हुई और भवानी सामोत बातचीत के बाद भी खर्चे का पैसा नहीं दे रहे हैं….

इस पन्ने के उजागर होने के साथ ही अब भवानी सामोत का नाम भी लाल डायरी प्रकरण में जुड़ गया है। जाहिर है अब भवानी सामोद को लेकर भी राजस्थान की सियासत गर्म होने जा रही है..



 



दूसरा पन्ना PS TO CM के नाम...



publive-image



दूसरे पन्ने में लिखा हुआ है कि शोभाग जी PS TO CM से बात हुई, जिसमें आरसीए के खर्चे का हिसाब करने की बात कही जा रही है। जिस पर  शोभागजी ने बोला कि सीएम साहब से बात करके बताता हूं…

 इस पन्ने के सामने आने के साथ ही अब PS2 सीएम भी सियासत के घेरे में आ गए हैं…



तीसरा पन्ना धमाकेदार...



publive-image



घर पर भवानी सामोता, राजीव खन्ना आए, आरसीए चुनाव का हिसाब किया। भवानी सामोता ने ज्यादातर लोगों से जो वादा किया था, वो पूरा नहीं किया तो मैंने कहा कि यह ठीक नहीं है। आप इसे पूरा करो। तब भवानी समोता ने कहा कि मैं सीपी साब की जानकारी में डालता हूं। फिर आपको 31 जनवरी तक फाइनल बता दूंगा।



आइए अब इन किरदारों को जानते हैं जिनका उल्लेख इन लाइनों में हैं…

वैभव जी - यानि सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जो अभी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। वे इस पद करीब छह माह पहले हुए चुनाव में निर्विरोध चुने गए थे। चुनाव से पहले तीन-चार जिला क्रिकेट संघों जैसे नागौर, गंगानगर, अलवर आदि के अध्यक्ष विरोध कर रहे थे, लेकिन बाद में सब चुप हो गए और वैभव गहलोत निर्विरोध चुन लिए गए।




भवानी समोता - ये अभी आरसीए के सचिव हैं। वैभव गहलोत के बेहद नजदीकियों में माने जाते हैं। बताया जाता है कि पहले तहसीलदार हुआ करते थे, लेकिन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। बताया जा रहा है कि चुनाव में सभी जिला क्रिकेट संघों को साधने की जिम्मेदारी इन्हीं पर थी ।




सीपी साब- ये सम्भवतः स्पीकर सीपी जोशी हैं। आरसीए के अध्यक्ष रह चुके हैं और अभी आरसीए के संरक्षक जैसी भूमिका निभाते हैं।



सोभागजी - सोभागजी सीएम अशोक गहलोत के सबसे पुराने और भरोसेमंद निजी कर्मचारियों में से हैं।



आरसीए क्या है

आरसीए राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन है। राजस्थान में क्रिकेट का पूरा खेल इसी बाॅडी के भरोसे चलता है। इसमें सभी 33 जिलों के जिला क्रिकेट संघों के अध्यक्ष तथा कुछ पूर्व खिलाड़ी आदि मनोनीत सदस्य होते हैं। हर तीन वर्ष में इसका चुनाव होता है। वैभव गहलोत इसके दूसरी बार अध्यक्ष बने हैं। पहली बार जब बने थे तब चुनाव तो हुआ था, लेकिन एकतरफा जैसा ही था। जयपुर में होने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच और आईपीएल आदि का आयोजन आरसीए ही करता है और यह बीसीसीआई यानी बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल ऑफ इंडिया से इसे मान्यता प्राप्त है।

आरसीए सबसे ज्यादा चर्चा में तब आया था, जब आईपीएल के जनक ललित मोदी इसके अध्यक्ष बने थे और आरसीए की अध्यक्षता करते हुए ही उन्होंने बीसीसीआई में अपनी पैठ जमाई थी। बरसों तक आरसीए पर ललित मोदी का कब्जा रहा। आज भी राजस्थान में कुछ क्रिकेट संघ ललित मोदी गुट के माने जाते हैं। 

 



डायरी के पन्ने बाहर आते ही BJP हमलावर

कथित लाल डायरी के पन्ने बाहर आते ही BJP हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्ववीट कर कहा कि, लाल डायरी इस समय का सबसे बड़ा मुद्दा है। गहलोत जी के खास रहे राजेंद्र गुढ़ा जी जैसे खुलासे कर रहे हैं, उससे राज्य सरकार की लोकतांत्रिक नैतिकता पर सवाल उठ रहा है। जनता सोच रही है " इतनी हेर-फेर करने वाला राज्य का मुखिया कैसे बना रह सकता है! " गहलोत जी इस्तीफा नहीं देने वाले! लेकिन कांग्रेस आलाकमान क्या कर रहा है? क्या गहलोत जी के पास भी गांधी परिवार की कोई डायरी है जिसके कारण इतनी फजीहत के बाद भी वे पद पर बने हुए हैं?




— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) August 2, 2023



BJP प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने लिखा कि…

लीजिए, लाल डायरी का पहला पन्ना प्रदेश की कांग्रेस सरकार के राजकुमार वैभव गहलोत जी के काले कारनामों को लेकर पूर्व मंत्री ने उजागर कर दिया है। अब पूरी डायरी के सच का इंतजार है? जनता आपसे सच जानना चाहती है मुख्यमंत्री @ashokgehlot51 जी...कपोल कल्पित नहीं है लाल डायरी।


— C. P. Joshi (@cpjoshiBJP) August 2, 2023



 



प्रेस कान्फ्रेंस में बोले गुढ़ा…




  • डायरी में इसमें धमेंद्र राठौड़ की ही हैंडराइटिंग है। मैं इस डायरी के पन्नों पर लगातार खुलासे करता रहूंगा। अगर जेल गया तो मेरा विश्वस्त व्यक्ति आप तक इन पन्नों को पहुंचाता रहेगा।


  • इन पेजों पर RCA के करप्शन और लेन- देन का साफ उल्लेख है। मैं सरकार को नहीं बल्कि सरकार मुझे ब्लैकमेल कर रही है। रंधावा ने मुझ पर माफी मांगने के लिए दबाव भी बनाया था। 

  • मैं इस डायरी को विधानसभा में टेबल करना चाह रहा था, जिससे सारे तथ्य आधिकारिक रूप से सामने आ जाएं।

  • मुख्यमंत्री मेरे बेटे के जन्मदिन पर मेरे घर गए थे, तब 50–60 हजार लोगों के बीच बोल कर आए थे कि गुढ़ा नहीं होता, तो मैं मुख्यमंत्री नहीं होता, अचानक गुढ़ा में क्या खराबी हो गई?  

  • कांग्रेस है कहां, यहां तो गहलोत कांग्रेस है। सीएम की एक जेब में प्रभारी रंधावा हैं तो एक जेब में डोटासरा, हाईकमान भी कमजोर है।  


  • धर्मेंद्र राठौड़ Rajendra Singh Gudha राजेंद्र सिंह गुढ़ा The secret of the red diary revealed Rajasthan Chief Minister Ashek Gehlot Dharmendra Rathore लाल डायरी का राज खुला राजस्थान मुख्यमंत्री अशाेक गहलोत