डी पुरंदेश्वरी की दो टूक− याद रहे, कार्यकर्ता और कार्यकर्ता भाव ही भाजपा की ताकत

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Yagyawalkya Mishra
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डी पुरंदेश्वरी की दो टूक− याद रहे, कार्यकर्ता और कार्यकर्ता भाव ही भाजपा की ताकत

याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. विधानसभा चुनाव को लेकर भले अभी करीब 17 महीने की देरी हो लेकिन भाजपा इसे लेकर मिशन मोड में आ गई है। भाजपा ने इसकी शुरुआत का जो रुट चार्ट बनाया है वो सबसे नीचे से शुरू हो रहा है यानि मतदान केंद्र। भाजपा का रूट मैप जिसका अंतिम लक्ष्य बेशक सत्ता पर वापसी है, लेकिन उससे भी पहले मतदान केंद्र पर मौजूद कार्यकर्ता को फिर से सक्रिय करना और गुटबाजी पर जीरो टॉलरेंस की नीति को कड़ाई से लागू करना है। भाजपा ने जो कार्य योजना बनाई है, वह समयबद्ध है, इसके मायने हैं कि जब चुनाव की तिथि घोषित होगी, उसके बहुत पहले भाजपा का समूचा संगठन पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। इस समयबद्ध कार्यक्रम में कार्यकर्ता कैसे काम करेगा और किस तरह मतदाता के बीच और प्रभावी तरीके से पहुंचेगा इसकी भी गाइडलाइन तय की जा चुकी है।अब तक केंद्रीय मंत्रियों की सतत उपस्थिति से मरहूम छत्तीसगढ़ भाजपा के लिए यह अकाल भी छटेगा।



हर बूथ पर 100 घंटे



भाजपा ने प्रदेश के सभी 23 हजार मतदान केंद्रों को समाहित कर बनाए गए 4600 शक्ति केंद्रों तक न्यूनतम दो विस्तारकों के पहुंच की कवायद की है। इनमें एक सोशल मीडिया विस्तारक होगा जबकि एक अन्य विशुद्ध कार्यकर्ता से संवाद करेगा और बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करेगा। विस्तारक एक शक्ति केंद्र में 100 घंटे देंगे। यानि न्यूनतम दस दिन देंगे। इसके जरिए लक्ष्य है मतदान केंद्र में बनने वाली बूथ समिति पन्ना समिति को सक्रिय करना। यानि उस कार्यकर्ता तक पहुंच बनाना जिसे भाजपा देवतुल्य कार्यकर्ता कहती रही है और भाजपा की जो करारी हार हुई उसके प्रमुख कारणों में इन कार्यकर्ताओं की सीधी उपेक्षा से उपजी नाराजगी का मुद्दा शामिल था।



सांसद विधायक सभी पहुंचेंगे बूथ पर



90 विधानसभा और 11 लोकसभा वाले छत्तीसगढ़ में भाजपा के 405 मंडल है और तीस सांगठनिक जिले हैं। बूथ तक पहुंचने की जो रणनीति है उसमें सांसदों विधायकों को भी पहुंचना है। सांगठनिक रूप से यह कवायद भी है कि, यह ध्यान रखा जाएगा कि एक ही मंडल का व्यक्ति अपने ही मंडल में नहीं जाए। इसके जरिए बूथ समिति सत्यापन और मतदान केंद्र स्तर पर जो कार्य हैं उनका विभाजन और बेहतर तरीके से होगा, जिससे अंतिम पंक्ति का अंतिम कार्यकर्ता भी अपना महत्व हासिल कर लेगा।



भाजपा छत्तीसगढ़ संगठन प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने जो संबोधन दिया उनमें गहरे अर्थ मौजूद हैं। डी पुरंदेश्वरी ने कहा किसी भी दिग्गज या शक्ति प्रमुख को यह याद रखना चाहिए कि, दिग्गज या शक्ति प्रमुख तभी तक है जब तक भीतर कार्यकर्ता भाव है। कार्यकर्ता और कार्यकर्ता भाव ही बीजेपी की ताकत है।



केंद्रीय योजनाओं की हो सकती है ऑडिट



ऐसे संकेत हैं कि राज्य में केंद्रीय फंड से संचालित योजनाओं का ऑडिट हो सकता है। डीएमएफ और मनरेगा इनमें प्रमुख हैं। केंद्रीय मंत्रियों का सिलसिलेवार दौरा शुरू होगा और यह राज्य के आकांक्षी जिलो का दौरा करेंगे और काम की जानकारी लेंगे। वे यह भी समझेंगे कि यदि सेंट्रल फंड का डायवर्शन हुआ है तो कहां हुआ है और क्यों हुआ है। पुष्ट संकेत हैं कि जब कि यह रिपोर्ट तैयार होगी तो रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई भी की जा सकती है।



एकजुटता के साथ मोर्चे पर



डी पुरंदेश्वरी ने द सूत्र से कहा - खैरागढ़ में भाजपा ने एकजुटता के साथ काम किया, और यह एकजुटता ही जीत है। भाजपा इस मिशन मोड के साथ काम करेगी। खैरागढ़ में मुख्यमंत्री बघेल हर तीन किलोमीटर में सभा करने को मजबूर हुए, जिला बनाने की घोषणा सशर्त की, यह उनकी मायूसी को दर्शाता है।


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