NEW DELHI. गर्भवती रेप पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देने वाली याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट के रवैए पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। छुट्टी के बावजूद जस्टिस उज्जवल भुइयां और जस्टिस बीवी नागरत्ना की स्पेशल बेंच ने मामले में अर्जेंट हियरिंग की। दरअसल गुजरात हाईकोर्ट से 17 अगस्त को याचिका खारिज होने के बाद याचिकाकर्ता ने शीर्ष कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
यह कहा शीर्ष कोर्ट ने
इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब ऐसे मामले में एक-एक दिन अहम होता है तो फिर हाई कोर्ट ने मामले में अगली तारीख 12 दिन बाद क्यों दी। सुप्रीम कोर्ट अब सोमवार को इस मामले में सुनवाई करेगा।
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यह है मामला
याचिकाकर्ता की ओर से याचिका में कहा गया है कि वह 28 सप्ताह की गर्भवती है। हाई कोर्ट में याचिका दायर करते वक्त वह 26 सप्ताह की प्रेग्नेंट थी। 17 अगस्त को अदालत ने बिना कारण बताए केस स्टेटस रिजेक्ट दिखाया गया। तब तक एक सप्ताह बीत चुका था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से पूछताछ के निर्देश दिए हैं।
मेडिकल बोर्ड से नई रिपोर्ट तलब
अदालत ने कहा कि चूंकि काफी अहम समय नष्ट हो गया है इसलिए मेडिकल बोर्ड से नई रिर्पोअ मांगी जा रही है। नई स्टेटस रिपोर्ट रविवार शाम तक अदालत को सौंपी जाए। जिसे सोमवार को कोर्ट के सामने रखा जाएगा।
इसलिए जताई नाराजगी
दरअलस 7 अगस्त को हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका लगाई थी। अदालत ने 8 अगस्त को सुनवाई करते हुए उसी दिन गर्भावस्था की स्थिति पता लगाने मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिए। 10 अगस्त को रिपोर्ट सबमिट की गई। 11 अगस्त को रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लिया गया और मामले को 23 अगस्त के लिए नियत कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट पर की तल्ख टिप्पणी, गर्भवती रेप पीड़िता के गर्भपात का मामला, कहा- 12 दिन बाद की क्यों दी तारीख
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NEW DELHI. गर्भवती रेप पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देने वाली याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट के रवैए पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। छुट्टी के बावजूद जस्टिस उज्जवल भुइयां और जस्टिस बीवी नागरत्ना की स्पेशल बेंच ने मामले में अर्जेंट हियरिंग की। दरअसल गुजरात हाईकोर्ट से 17 अगस्त को याचिका खारिज होने के बाद याचिकाकर्ता ने शीर्ष कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
यह कहा शीर्ष कोर्ट ने
इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब ऐसे मामले में एक-एक दिन अहम होता है तो फिर हाई कोर्ट ने मामले में अगली तारीख 12 दिन बाद क्यों दी। सुप्रीम कोर्ट अब सोमवार को इस मामले में सुनवाई करेगा।
यह है मामला
याचिकाकर्ता की ओर से याचिका में कहा गया है कि वह 28 सप्ताह की गर्भवती है। हाई कोर्ट में याचिका दायर करते वक्त वह 26 सप्ताह की प्रेग्नेंट थी। 17 अगस्त को अदालत ने बिना कारण बताए केस स्टेटस रिजेक्ट दिखाया गया। तब तक एक सप्ताह बीत चुका था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से पूछताछ के निर्देश दिए हैं।
मेडिकल बोर्ड से नई रिपोर्ट तलब
अदालत ने कहा कि चूंकि काफी अहम समय नष्ट हो गया है इसलिए मेडिकल बोर्ड से नई रिर्पोअ मांगी जा रही है। नई स्टेटस रिपोर्ट रविवार शाम तक अदालत को सौंपी जाए। जिसे सोमवार को कोर्ट के सामने रखा जाएगा।
इसलिए जताई नाराजगी
दरअलस 7 अगस्त को हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका लगाई थी। अदालत ने 8 अगस्त को सुनवाई करते हुए उसी दिन गर्भावस्था की स्थिति पता लगाने मेडिकल बोर्ड गठित करने का निर्देश दिए। 10 अगस्त को रिपोर्ट सबमिट की गई। 11 अगस्त को रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लिया गया और मामले को 23 अगस्त के लिए नियत कर दिया गया।