Ayodhya. देश के गृहमंत्री अमित शाह ने राम मंदिर के संबंध में यह घोषणा की थी कि रामभक्त श्रद्धालु 1 जनवरी 2024 से अयोध्या के राममंदिर में रामलला के दर्शन कर सकेंगे। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की निर्माण समिति इसके लिए जोर-शोर से जुटी है। समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा ने कहा है कि अयोध्या में राममंदिर का पहला चरण इस साल 30 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मंदिर 3 चरणों में निर्मित होने जा रहा है और श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन करने पहले चरण का काम पूरा होने के बाद मिलने लगेगा।
निर्माण समिति अध्यक्ष ने बताया कि भूतल पर अन्य कार्यों के अलावा पहले चरण में 5 मंडप का निर्माण पूरा किया जाना है। ट्रस्ट ने फैसला लिया है कि राम मंदिर के पहले चरण का काम हर हाल में 30 दिसंबर तक पूरा हो जाना चाहिए। प्रथम तल में 5 मंडपों में 160 खंभे लगे हुए हैं। समिति अध्यक्ष ने बताया कि उन खंभों में आइकॉनोग्राफी का काम पूरा कराने का प्रयास हो रहा है।
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दिसंबर 2025 तक पूरा होगा संपूर्ण मंदिर
इस दौरान बताया गया कि रामलला के मंदिर में निचले चबूतरे पर भगवान मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का संक्षिप्त वर्णन शुरू होगा और बिजली के साथ-साथ अन्य सुविधाएं पूरी की जाएंगी। यह सभी काम 30 दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे। मिश्रा ने कहा कि परकोटा समेत मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल का काम आने वाले साल 2025 के 30 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। यह भी बताया गया कि मंदिर में मूर्ति की स्थापना इसी साल के अंत में हो जाएगी और फिर श्रद्धालु दर्शनलाभ प्राप्त कर सकेंगे। मंदिर पूरी तरह से 2025 के दिसंबर महीने में तैयार हो जाएगा।
निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण में 1400 करोड़ से लेकर 1800 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। अकेले भूतल के निर्माण में ही 300 करोड़ रुपए खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि चेयरमैन होने के नाते मेरी यह कोशिश है कि 30 दिसंबर 2023 तक श्रद्धालु अपने प्रभु के दर्शन मंदिर में कर सकें।