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देशभर के AIIMS अस्पतालों में फैकल्टी की भारी कमी है। इससे इलाज और मेडिकल शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है। 10 AIIMS अस्पतालों में एक तिहाई से ज्यादा फैकल्टी के पद खाली हैं। इन अस्पतालों में सीनियर डॉक्टर्स की संख्या बहुत कम है। इसका खुलासा RTI के जरिए हुआ है।
प्रोफेसर के पदों की स्थिति
AIIMS अस्पतालों के प्रोफेसर पदों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। देश के 12 AIIMS में प्रोफेसरों के आधे से अधिक पद खाली हैं। इसके अलावा, 6 AIIMS में प्रोफेसर के पद 65 प्रतिशत से अधिक खाली हैं। AIIMS जम्मू में स्थिति सबसे खराब है, जहां 33 प्रोफेसरों के पदों में से सिर्फ 4 प्रोफेसर कार्यरत हैं। AIIMS रायबरेली में भी 33 में से 26 प्रोफेसर के पद खाली हैं।
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क्रम | AIIMS | प्रोफेसर के पद | खाली पद |
---|---|---|---|
1 | बठिंडा | 33 | 20 |
2 | भुवनेश्वर | 54 | 27 |
3 | बिलासपुर | 33 | 22 |
4 | गोरखपुर | 33 | 23 |
5 | मंगलागिरि | 33 | 18 |
6 | बीबीनगर | 33 | 22 |
7 | जम्मू | 33 | 29 |
8 | जोधपुर | 54 | 33 |
9 | नादिया | 33 | 20 |
10 | रायबरेली | 33 | 26 |
11 | ऋषिकेश | 54 | 30 |
12 | देवघर | 33 | 24 |
एडिशनल प्रोफेसर्स की स्थिति
जब किसी विभाग में प्रोफेसर का पद खाली होता है, तो एडिशनल प्रोफेसर जिम्मा संभालते हैं। हालांकि, कई AIIMS में एडिशनल प्रोफेसर के पद भी खाली हैं। 8 AIIMS में एडिशनल प्रोफेसर के एक तिहाई से अधिक पद खाली हैं, और 5 AIIMS में तो आधे से अधिक पद खाली हैं।
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सीनियर फैकल्टी के खाली पदों के कारण
कई AIIMS शहरों से दूर स्थित हैं, जहां डॉक्टरों के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी है। डॉक्टरों का कहना है कि अच्छी शिक्षा के लिए बच्चों के स्कूल नहीं हैं या वे बहुत दूर होते हैं। इसके अलावा, सैलरी भी एक बड़ा मुद्दा है। डॉक्टरों के अनुसार, AIIMS की सैलरी से पांच गुना ज्यादा पैसा वे प्राइवेट अस्पतालों में कमा सकते हैं, और प्राइवेट अस्पतालों में अधिक टैक्स बचाने के उपाय भी होते हैं।
क्रम | AIIMS | एडिशनल प्रोफेसर के पद | खाली पद |
---|---|---|---|
1 | बठिंडा | 26 | 15 |
2 | बिलासपुर | 26 | 17 |
3 | गोरखपुर | 26 | 16 |
4 | जम्मू | 26 | 15 |
5 | जोधपुर | 45 | 17 |
6 | नादिया | 26 | 12 |
7 | पटना | 45 | 14 |
8 | रायबरेली | 26 | 21 |
9 | ऋषिकेश | 45 | 15 |
10 | देवघर | 26 | 8 |
AIIMS दिल्ली और गुवाहाटी की स्थिति
AIIMS दिल्ली और AIIMS गुवाहाटी में भी फैकल्टी के पदों की स्थिति ठीक नहीं है। AIIMS दिल्ली में 1306 सैंक्शन किए गए पदों में से 508 पद खाली हैं, जो कुल सैंक्शन किए गए पदों का 35% हैं। इस पर AIIMS दिल्ली के प्रोफेसर का कहना है कि कुछ नियुक्तियां हाल ही में हुई हैं, जिससे खाली पदों की संख्या कम हुई होगी।
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स्वास्थ्य मंत्री का बयान
फरवरी 2025 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्यसभा में इस विषय पर जवाब दिया था। उन्होंने बताया कि AIIMS दिल्ली, AIIMS जोधपुर और AIIMS ऋषिकेश में फैकल्टी के पदों में 30% से अधिक कमी है। उन्होंने कहा कि इस समस्या को हल करने के लिए सरकार ने सतत प्रक्रिया के तहत कदम उठाए हैं और खाली पदों को जल्द भरने के लिए काम चल रहा है।
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नए AIIMS और उनकी चुनौतियां
नए AIIMS अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी प्रमुख समस्या बनी हुई है। AIIMS मंगलागिरी, AIIMS नागपुर, और AIIMS कल्याणी जैसे नए अस्पतालों में भी फैकल्टी की कमी है। इन्हें बेहतर वित्तीय सहायता और इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ एक मजबूत मैनपावर की आवश्यकता है।
क्रम | AIIMS | कुल फैकल्टी | खाली पद |
---|---|---|---|
1 | दिल्ली | 1306 | 508 |
2 | बठिंडा | 209 | 71 |
3 | भुवनेश्वर | 315 | 77 |
4 | बिलासपुर | 217 | 104 |
5 | गोरखपुर | 156 | 69 |
6 | मलंनगिरी | 233 | 97 |
7 | बीबीनगर | 183 | 53 |
8 | जम्मू | 183 | 81 |
9 | जोधपुर | 305 | 87 |
10 | नादिया | 259 | 88 |
11 | नागपुर | 272 | 57 |
12 | पटना | 305 | 84 |
13 | रायबरेली | 201 | 85 |
14 | ऋषिकेश | 305 | 96 |
15 | देवघर | 208 | 79 |
16 | गुवाहाटी | 183 | 72 |
समाधान की दिशा
AIIMS अस्पतालों में फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने होंगे। डॉक्टर्स को बेहतर वेतन, वित्तीय सहायता और प्रभावी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना आवश्यक है। इंफ्रास्ट्रक्चर की भी मजबूती जरूरी है, ताकि AIIMS में कार्यरत डॉक्टर और शोधकर्ता एक सकारात्मक वातावरण में काम कर सकें।
सुधार के लिए ठोस कदम जरूरी
AIIMS अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी से मेडिकल शिक्षा और इलाज दोनों प्रभावित हो रहे हैं। सरकार को इन खाली पदों को भरने के लिए शीघ्र और ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि इन प्रतिष्ठित अस्पतालों का उद्देश्य यानी बेहतर स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया जा सके।
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