संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) ने राज्य सेवा परीक्षा 2020 का आखिरकार अंतिम रिजल्ट जारी कर दिया है। हालांकि, इसमें 87 फीसदी यानि 260 कुल पदों में से 221 पदों के लिए अंतिम चयन सूची जारी हुई है। अब बाकी बचे 13 फीसदी (39 पद) पदों के लिए चयन सूची ओबीसी आरक्षण पर अंतिम फैसला आने के बाद ही होगी। लेकिन, जब भी अंतिम फैसला आने के बाद 13 फीसदी की चयन सूची जारी होगी, तब एक बार फिर कानूनी पेंच आना तय है। उधर आयोग ने किसी भी तरह के कानूनी पेंच से बचने के लिए फैसला ले लिया है कि वह उम्मीदवारों को अभी उत्तरपुस्तिकाएं नहीं दिखाएगा, जो वह रिजल्ट के सात दिन बाद शुरू कर देता था। चयनित होने से चूक गए उम्मीदवारों को उनके अंक भी अभी नहीं बताए जाएंगे। ओबीसी आरक्षण पर सभी स्थिति क्लियर होने के बाद ही यह होगा।
इसलिए आना है कानूनी पेंच
कारण है कि जो अभी 221 पदों के लिए जो उम्मीदवार चयनित हुए हैं, यह सौ फीसदी रिजल्ट के हिसाब से भी मेरिट होल्डर है, यानि इन्हें तो 13 फीसदी (39 पद) का रिजल्ट आने पर भी लगभग तय है कि आगे ही रहना है। लेकिन 13 फीसदी पद जो आरक्षित है जिसमें डिप्टी कलेक्टर के तीन, डीएसपी का एक, सहायक आयुक्त सहकारिता, वाणिज्यिक कर अधिकारी व जेल अधीक्षक का एक-एक जैसे बड़े पद शामिल हैं। इन पदों पर यदि प्रोवीजनल रिजल्ट में जिसे भी डिप्टी कलेक्टर या अन्य उच्च पद मिलता है, लेकिन उसके अंक 221 पद पर पूर्व में चयनित हो चुके उम्मीदवारों से कम है तो इस कैटेगरी (87 फीसदी वाले) के उम्मीदवार नीचे आरक्षित रखे डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे पदों पर मेरिट के कारण दावा करेंगे ही। ऐसे में विवाद होना तय। यह पद ओबीसी कैटेगरी में जाते हैं तो 87 फीसदी के ओबीसी कैटेगरी वाले निचले पद पर चयनित उम्मीदवार हक मांगेगे और यदि यह अनारक्षित कैटेगरी में चले जाते हैं तो फिर अनारक्षित कैटेगरी का उम्मीदवार अपना निचला पद छोड़ मेरिट के आधार पर डिप्टी कलेक्टर या अन्य उच्च पद मांगेगा।
लगातार रिजल्ट आना है, कई उम्मीदवार पद भी छोड़ेंगे, वेटिंग होगी क्लीयर
राज्य सेवा परीक्षा 2019 में सबसे ज्यादा 571 पद है। इसके इंटरव्यू शेड्यूल अगले सप्ताह जारी हो जाएगा और संभवत जुलाई में यह इंटरव्यू शूरू हो जाएंगे। इसलिए इन कम पदों 260 में जो उम्मीदवार चयनित होने से चूक गए हैं और जो दोनों ही इंटरव्यू के लिए क्वालीफाइ है, उनके लिए अच्छी उम्मीद है कि वह साल 2019 में चयनित हो सकते हैं, क्योंकि यहां काफी पद है। वहीं, साल 2019 में 2020 दोनों में चयनित उम्मीदवारों की भी एक अच्छी-खासी संख्या संभावित है, ऐसे में वेटिंग क्लीयर होने के काफी चांस रहेंगे। इसके बाद फिर साल 2021 की जुलाई में हो रही मेंस और फिर 2022 की इस साल के अंत में संभावित मेंस जैसी परीक्षाएं तो लाइन से हैं ही।