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NEW DELHI. अमीर लोगों का देश छोड़कर विदेश में जाकर बस जाना कोई नई बात नहीं है। वहीं दुनियाभर में मंदी की आशंका के बीच भारत की तेज ग्रोथ के बावजूद लोगों का यहां से दूसरे देशों में जाकर बसना चौंकाने वाली बात है। पलायन के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है। हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में साढ़े 6 हजार हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स यानी HNI के देश छोड़कर जाने की संभावना है। हालांकि ये संख्या पिछले साल से कम है, जब साढ़े 7 हजार HNI भारत छोड़कर चले गए थे।
पिछले साल 7 हजार 500 भारतीयों ने देश छोड़ा
दुनियाभर में वेल्थ और इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन पर नजर रखने वाली हेनले की रिपोर्ट में कहा कि अपने देश को छोड़कर दूसरे देशों में अपना आशियाना बनाने वालों में सबसे ज्यादा संख्या चीन की है। चीन से इस साल साढ़े 13 हजार अमीरों के पलायन की संभावना है। इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर ब्रिटेन है, जहां से इस साल 3 हजार 200 करोड़पतियों के देश छोड़ सकते हैं। रूस से 3 हजार हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल के दूसरे देशों में जाने का अनुमान है और इसका नंबर लिस्ट में चौथे नंबर पर है।
दुनियाभर में पलायन करते हैं अमीर
जानकार कहते हैं कि करोड़पतियों का देश छोड़ना कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है। इसके पीछे दलील दी गई है कि 2031 तक करोड़पतियों की आबादी लगभग 80 फीसदी बढ़ सकती है। इस दौरान भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते वेल्थ मार्केट में से एक होगा। इसके साथ ही देश में फाइनेंशियल सर्विसेज, टेक्नोलॉजी और फार्मा सेक्टर से सबसे ज्यादा करोड़पति निकलेंगे। ऐसे में भारत के लिहाज से ये नंबर 2022 में कम होना बड़ी राहत की खबर है।
अमीर क्यों छोड़ देते हैं अपना देश?
अब सवाल खड़ा होता है कि आखिर अमीर लोग अपना देश छोड़कर क्यों चले जाते हैं? दरअसल, भारत में टैक्स से जुड़े नियमों में जटिलताओं की वजह से हर साल हजारों अमीर लोग देश छोड़ देते हैं। दुनियाभर के अमीरों को दुबई और सिंगापुर जैसी जगहें सबसे ज्यादा पसंद आती हैं, क्योंकि अमीर उस देश में जाना पसंद करते हैं जहां टैक्स से जुड़े नियम लचीले हों।
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टैक्स नियमों की जटिलताओं को दूर करने की मांग
देश में टैक्स नियमों में जटिलता को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स वित्त मंत्रालय को घेर रहे हैं। दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के पूर्व बोर्ड मेंबर टीवी मोहनदास पाई ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है कि वित्त मंत्रालय ने एचएनआई का जीना मुश्किल कर दिया है। टैक्स के नियमों को सरल किया जाना चाहिए।