रक्षाबंधन के पर्व पर क्या है राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, इन चीजों का रखें खास ख्याल

रक्षाबंधन का त्‍योहार आने ही वाला है। यह दिन देशभर में सेलिब्रेट किया जाएगा। यह त्‍योहार भाई और बहन के आपसी स्‍नेह का प्रतीक है, जिसमें बहना अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। आइए इसी के साथ हम आपको बताते हैें राखी बांधने का सही मुहूर्त...

Advertisment
author-image
Dolly patil
New Update
rakhi
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

सावन माह के समापन के साथ ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है।यह त्यौहार भाई-बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों को राखी बांधती हैं और उसकी लंबी उम्र की कामना भी करती हैं। इसी के साथ ऐसा भी कहा जाता है कि भाई को राखी बांधने से पहले भगवान को राखी बांधनी चाहिए।

इसके बाद बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं, आरती करती हैं और उन्हें राखी बांधती हैं। अब आप सोच रहे होंगे की आखिर इस बार राखी बांधने का सही समय क्या है तो आइए हम आपको बताते हैें राखी बांधने का सही मुहूर्त और  भद्रा काल के बारे में

क्या है राखी बांधने का सही समय

इस बार सावन पूर्णिमा तिथि 18 अगस्त को सुबह 2.21 बजे से शुरू होकर, अगले पूरे दिन यानी 19 अगस्त तक रहेगी। ऐसे में रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा।

पंचांग के अनुसार, भद्रा 18 अगस्त की रात 2.21 बजे से शुरू होगा और अगले दिन 19 अगस्त की दोपहर 1.24 बजे तक रहेगा। आपको बता दें कि भद्रा में रक्षाबंधन मनाना अशुभ माना जाता है। ऐसे में राखी बांधने का शुभ समय 19 अगस्त को दोपहर 1.24 बजे के बाद है।

ीाेु

कब तक है शुभ समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, राखी बांधने का शुभ समय 19 अगस्त सोमवार को दोपहर 1.24 बजे से शाम 6.25 बजे तक है। इसके अलावा राखी बांधने का शुभ समय प्रदोष काल में शाम 6.56 बजे से रात 9.08 बजे तक है।  इस दौरान रक्षा सूत्र बांधने से भाइयों को लंबी उम्र के साथ सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है।

शुभ संयोग

इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ रवियोग और शोभन योग भी बन रहा है। इसके अलावा सावन महीने का आखिरी सोमवार भी इसी दिन पड़ रहा है। यह अद्भुत संयोग है।

दाहिने हाथ पर राखी बांधना शुभ

रक्षाबंधन के दिन भाई के दाहिने हाथ पर राखी बांधना शुभ माना जाता है। दाहिना हाथ या सीधे हाथ जीवन के कर्मों का हाथ कहा गया है और मनुष्य के दाहिने हिस्से में देवताओं का वास भी माना गया है। कहा जाता है कि दाहिने हाथ से किए गए दान और धार्मिक कार्यों को भगवान जल्दी स्वीकार कर लेते हैं, इसलिए धार्मिक कार्यों के बाद कलावा आदि भी दाहिने हाथ पर बांधा जाता हैं।

राखी खोलने के नियम

आपको बता दें कि कभी भी तुरंत या फिर रक्षाबंधन के कुछ दिन बाद ही राखी नहीं खोलनी चाहिए। राखी को कम-से-कम जन्माष्टमी तक बांधकर रखना चाहिए। साथ ही राखी को उतारकर कभी भी इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए। आप इसे किसी बहते जल स्रोत में विसर्जित कर सकते हैं या फिर किसी पेड़-पौधे में रख सकते हैं। 

ाणि

क्यों खास है राखी का पर्व

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार राजा बली ने भगवान विष्णु से यह वचन लिया कि वह उनके साथ पाताल लोक में रहें। लेकिन इसके कारण माता लक्ष्मी परेशान हो गईं। उन्होंने एक गरीब महिला का रूप धारण किया और राजा बलि के पास पहुंचकर उन्हें राखी बांधी।

 इसके बाद राखी के बदले राजा ने कुछ भी मांग लेने को कहा। इसपर माता लक्ष्मी अपने असली रूप में प्रकट हुईं और उन्होंने भगवान विष्णु को पुन अपने धाम लौटाने का वचन मांगा। राखी का मान रखते हुए राजा ने भगवान विष्णु को मां लक्ष्मी के साथ वापस उनके धाम भेज दिया।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

dolly patil

राखी बांधने का सही मुहूर्त रक्षाबंधन का त्योहार