MUMBAI. दिग्गज एक्टर-फिल्ममेकर मनोज कुमार आज 86 साल के हो चुके हैं। उन्होंने अपने करियर में कई देशभक्ति फिल्मों में काम किया है। इस वजह से लोग उन्हें प्यार से 'भारत कुमार' कहने लगे। उनका जन्म 24 जुलाई, 1937 को पाकिस्तान के एबटाबाद में हुआ था। बहुत कम लोग जानते होंगे कि मनोज का असली नाम हरिकृष्ण गोस्वामी था। मनोज बचपन से ही दिलीप कुमार के बहुत बड़े फैन थे। दिलीप की फिल्म शबनम (1949) मनोज कुमार को इतनी पसंद आई थी कि उन्होंने इस फिल्म के बाद अपना नाम बदलकर मनोज रख लिया था। शबनम में दिलीप का नाम मनोज था। दिलीप कुमार की दीवानगी में मनोज ने अपना नाम बदल लिया था।
देशभक्ति की फिल्मों से जीता लोगों का दिल
मनोज ने अपने फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्में दी हैं। उन्होंने देशभक्ति से लबरेज कई शानदार फिल्मों में भी अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों को जीता है। मनोज एक्टर के साथ-साथ एक अच्छे लेखक, निर्देशक और निर्माता भी थे। मनोज की कई फिल्मों ने गोल्डन जुबली और डायमंड जुबली मनाई है। एक्टर को कई अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इसमें नेशनल अवॉर्ड, दादा साहेब फाल्के, पद्मश्री अवॉर्ड और 8 अन्य फिल्मफेयर अवॉर्ड शामिल है। इंदिरा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जैसी बड़ी हस्तियां भी इनकी फिल्में देखना पसंद करते थीं। लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर ही मनोज कुमार ने फिल्म उपकार (1967) बनाई थी। मनोज की फिल्म क्रांति 96 दिनों तक हाउसफुल रही थी। गोल्डन जुबली वाली इस फिल्म का क्रेज ऐसा था कि दुकानों में फिल्म के पोस्टर वाली टी-शर्ट, शर्ट, जैकेट और यहां तक की अंडरगारमेंट्स तक बिकने लगी थीं।
फैशन से की थी करियर की शुरुआत
मनोज ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 1957 में आई फिल्म 'फैशन' से की थी। इसके बाद 1960 में उनकी फिल्म 'कांच की गुड़िया' रिलीज हुई। इस फिल्म में वह बतौर लीड एक्टर नजर आए थे, जो सफल रही। मनोज कुमार ने 'उपकार', 'पत्थर के सनम', 'रोटी कपड़ा और मकान', 'संन्यासी' और 'क्रांति' जैसी कमाल की फिल्में दीं। ज्यादातर फिल्मों में मनोज कुमार का नाम 'भारत कुमार' हुआ करता था और इसी वजह से वह अपने चाहने वालों के बीच 'भारत कुमार' के नाम से मशहूर हो गए।