राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग सिस्टम लागू होने के बाद टोल कलेक्शन कई गुना बढ़ा, वेटिंग भी घटी, 22-23 में कलेक्शन 50,855 करोड़ रहा

author-image
The Sootr
एडिट
New Update
राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग सिस्टम लागू होने के बाद टोल कलेक्शन कई गुना बढ़ा, वेटिंग भी घटी, 22-23 में कलेक्शन 50,855 करोड़ रहा

NEW DELHI. हाइवे पर टोल टैक्स के कलेक्शन और इस दौरान वाहन चालकों का समय बचाने के लिए केंद्र सरकार ने फास्टैग की सुविधा शुरू गई थी। इस कारण टोल के नाकों पर जाम से भी निजात मिल गई। इसके अलावा भी फास्टैग के कई पॉजिटिव रिजल्ट सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों पर फास्टैग सिस्टम लागू होने के बाद टोल बूथ से कमाई 58 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गई है। 2017-18 में कुल टोल कलेक्शन 21,948 करोड़ रुपए था। तब 16% वाहनों में ही फास्टैग था। 2021-22 में 96% वाहनों में फास्टैग लगने के बाद यह बढ़कर 34,778 करोड़ रुपए हो गया। 2022-23 में यह और बढ़कर 50,855 करोड़ रुपए हो गया। वहीं वेटिंग भी 8 मिनट से घटकर 47 सेकंड हो गई है। 





एएनपीआर से वेटिंग टाइम होगा शून्य





अब सरकार ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) सिस्टम लागू करने जा रही है। इसमें वेटिंग टाइम शून्य रह जाएगा। यानी गाड़ी को बूथ पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पहले टोल बूथ पर एक गाड़ी को औसत 8 मिनट लगते थे। फास्टैग के बाद समय घटकर 47 सेकंड रह गया है। 





ये खबर भी पढ़ें...











सभी ट्रांसपोर्टर नए सिस्टम के लिए तैयार 





केंद्रीय सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, दिल्ली-मेरठ रूट पर ANPR का पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। GPS आधारित टोल सिस्टम पर भी विचार जारी है। अखिल भारतीय ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पदाधिकारी विजय कालरा कहते हैं कि सभी ट्रांसपोर्टर नए सिस्टम के लिए तैयार हैं। 





एएनपीआर के बाद बढ़ेगा टोल कनेक्शन 





सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय का कहना है कि एएनपीआर सिस्टम के बाद सालाना टोल कलेक्शन बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा। 2022 में उसे टोल के जरिए 50 हजार करोड़ मिले थे। यानी एक ही साल में कलेक्शन तीन गुना हो जाएगा। 





टोल कलेक्शन में उप्र सबसे आगे





देश में सबसे ज्यादा 104 टोल राजस्थान में हैं। हालांकि, कलेक्शन में उप्र आगे है। 2022 में यहां 90 बूथ से 3,949 करोड़ रुपए कलेक्शन हुआ। राजस्थान में यह राशि 3,491 करोड़ रुपए रही। मप्र में 66, आंध्रप्रदेश में 65, महाराष्ट्र में 64, तमिलनाडु में 54 टोल हैं।





15 फरवरी 2021 को हुई थी फास्टैग की शुरुआती 





15 फरवरी 2021 की मध्य रात्रि से सभी चारपहिया गाड़ियों के लिए Fastag अनिवार्य कर दिया गया है। यदि आपने अपनी गाड़ी में अभी तक Fastag नहीं लगवाया है। बिना Fastag के किसी टोलप्लाजा के गुजरते है, तो अब आपको अपनी श्रेणी के निर्धारित शुल्क से दुगुने शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा।





आरएफआईडी तकनीक पर काम करता है फास्टैग





NHAI नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा बनाया गया फास्टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम हैं। फास्टैग दरअसल एक ऐसा स्टिकर है, जो आपकी गाड़ी की आगे की विंडो स्क्रीन पर लगाया जाता है यह रेडिओ फ्रिक्वेन्सी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक पर काम करता है एक प्रकार का ऐसा टैग है, जो की सभी गाड़ी के विंड स्क्रीन पर लगाया जाता है। यह फास्टैग आपके बैंक अकाउंट या आपके वॉलेट से जुड़ा हुआ होता है। इसका यह फायदा है की जब भी आप टोल प्लाजा से गुजरते हैं तो आपको रुक कर टोल टैक्स नहीं चुकाना होता आपके गाड़ी पर लगा हुआ फास्टैग से स्कैनर द्वारा टोल भुगतान आसानी से हो जाता है और यह टैक्स सीधा सरकारी खाते में जमा हो जाता है।



फास्टैग के फायदे टोल बूथ 22-23 में कलेक्शन टोल कलेक्शन फास्टैग सिस्टम benefits of fastag toll booth collection in 22-23 toll collection fastag system