प्रयागराज का त्रिवेणी संगम, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं, हिंदू धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए आते हैं, खासकर महाकुंभ के दौरान, जब इसे शाही स्नान कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि त्रिवेणी संगम में इन तीन नदियों का मिलन क्यों खास माना जाता है? इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि संगम में शाही स्नान का महत्व क्यों है।
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त्रिवेणी संगम का धार्मिक महत्व
त्रिवेणी संगम में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं, जिसे हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। सरस्वती नदी अदृश्य है, लेकिन उसका जल संगम में मौजूद होता है, यही कारण है कि इसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है। यहाँ स्नान करने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शाही स्नान का महत्व
कुंभ और महाकुंभ मेले के दौरान, खास अवसरों पर जब ग्रह-नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं, तब शाही स्नान आयोजित किया जाता है। इसे विशेष रूप से साधु संतों के सम्मान में किया जाता है, और माना जाता है कि इससे सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और आत्मा को शुद्धि मिलती है।
महाकुंभ 2025 का आयोजन
महाकुंभ मेला 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित किया जाएगा, जहां लाखों श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान करेंगे। इस दौरान विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत जुटते हैं, और शाही स्नान के अवसर पर विशेष आयोजन होते हैं।
कब – कब है शाही स्नान?
13 जनवरी 2025: पौष पूर्णिमा (पहला शाही स्नान)
14 जनवरी 2025: मकर संक्रांति (दूसरा शाही स्नान)
29 जनवरी 2025: मौनी अमावस्या (तीसरा शाही स्नान)
3 फरवरी 2025: बसंत पंचमी (चौथा शाही स्नान)
12 फरवरी 2025: माघ पूर्णिमा (पांचवा शाही स्नान)
26 फरवरी 2025: महाशिवरात्रि (अंतिम शाही स्नान)
कुंभ, महाकुंभ और अर्धकुंभ में अंतर
कुंभ मेला हर तीन साल में चार प्रमुख शहरों (प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक) में आयोजित होता है। वहीं अर्धकुंभ हर 6 साल में और पूर्ण कुंभ हर 12 साल में होता है। जब 12 कुंभ पूरे हो जाते हैं, तो महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। महाकुंभ विशेष रूप से प्रयागराज में आयोजित होता है।
प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां
2025 में महाकुंभ की भव्य तैयारियां चल रही हैं। लाखों श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा और सुविधाओं का ध्यान रखा है। रेलवे, परिवहन और स्वास्थ्य सेवाएं इस दौरान बेहतर की जा रही हैं, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।
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