खैबर पख्तूनख्बा में पाकिस्तानी मिलिट्री बेस TTP का कब्जा

TTP ने पाकिस्तान के बाजौर जिले में सैन्य अड्डे पर कब्जा किया, दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बढ़ा, TTP के हमले और पाक सेना की प्रतिक्रिया जारी है।

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Sandeep Kumar
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ttp terrorists attack Photograph: (ttp terrorists attack )

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पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने 30 दिसंबर 2024 को खैबर पख्तूनख्बा के बाजौर जिले में एक पाकिस्तानी सैन्य अड्डे पर कब्जा कर लिया है। यह घटना उस क्षेत्र में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर आतंकवादी हमलों की बढ़ती श्रृंखला का हिस्सा है। TTP के हमलों और पाकिस्तान के सैन्य अभियान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ता जा रहा है, जिससे क्षेत्र में युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस हमले और आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के बारे में जानना अब बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।

TTP द्वारा पाकिस्तानी सैन्य अड्डे पर कब्जा

TTP ने 30 दिसंबर 2024 को खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर जिले के सालारजई इलाके में एक पाकिस्तानी सैन्य अड्डे पर कब्जा कर लिया है। हालांकि, पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, यह सैन्य अड्डा पहले ही खाली कर दिया गया था और सेना के जवानों को नए बेस पर ट्रांसफर कर दिया गया था। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है, जिससे इस हमले की गंभीरता का अनुमान लगाया जा सकता है।

पाकिस्तानी सेना के खिलाफ संघर्ष

TTP का प्रमुख उद्देश्य पाकिस्तान सरकार के खिलाफ संघर्ष करना और पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करना है। यह संगठन पाकिस्तान के आदिवासी क्षेत्रों और अफगान-पाकिस्तान सीमा पर सक्रिय रहता है। TTP के पास 30,000 से अधिक सशस्त्र आतंकवादी हैं, जिनमें से अधिकांश सीमा के आदिवासी क्षेत्र से भर्ती होते हैं। अफगानिस्तान में 3,000 से 4,000 TTP आतंकवादी होने की संभावना जताई गई है।

TTP और अफगान तालिबान के बीच संबंध

TTP, अफगान तालिबान से समान विचारधारा साझा करता है और अफगान तालिबान द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ समर्थन प्राप्त करने का दावा किया जाता है। TTP का नेतृत्व नूर वली महसूद कर रहा है, जो अफगान तालिबान के प्रति निष्ठा जाहिर कर चुका है। 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता के बाद, TTP ने पाकिस्तान पर लगातार हमले बढ़ा दिए हैं, जिससे पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तनाव भी बढ़ गया है।

पाकिस्तानी सेना के खिलाफ TTP के हमले और प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी सेना ने TTP के खिलाफ कई बड़े सैन्य अभियान चलाए हैं, जिनमें ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब (2014) और राद उल फसाद (2017) शामिल हैं। इन अभियानों के बाद, TTP आतंकवादी अफगानिस्तान भाग गए और वहां संगठित हो गए। अफगान तालिबान की सत्ता में आने के बाद, TTP ने पाकिस्तान के खिलाफ अपनी गतिविधियों को और तेज कर दिया है। पाकिस्तानी सेना ने हाल ही में इन हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया है, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।

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