MUMBAI. देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने का उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने समर्थन किया है। हालांकि उद्धव ठाकरे ने सरकार के स्पष्टीकरण की शर्त रखी है। शरद पवार के नेतृत्व वाली NCP ने न तो UCC का समर्थन किया है और न ही सपोर्ट किया है, यानी वो न्यूट्रल है। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि सरकार को UCC लागू करने के नतीजों पर बार-बार विचार कर लेना चाहिए।
आम आदमी पार्टी ने किया UCC का समर्थन
आम आदमी पार्टी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन किया है। AAP सांसद संदीप पाठक का कहना है कि हम यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करते हैं क्योंकि आर्टिकल 44 भी कहता है कि देश में UCC होना चाहिए। हालांकि, इसके लिए सभी धर्मों के लोगों, राजनीतिक पार्टियों और संगठनों के लोगों से सलाह-मशविरा कर आम सहमति बनाई जानी चाहिए।
UCC पर 8.5 लाख रिस्पॉन्स
लॉ कमीशन के चेयरमैन जस्टिस ऋतुराज अवस्थी का कहना है कि UCC कोई नया मुद्दा नहीं है। ये मामला 2016 में मिला था, इस पर 2018 में एक कंसल्टेशन पेपर भी जारी किया गया था। UCC को लेकर लॉ कमीशन ने कंसल्टेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए कमीशन ने आम जनता की राय भी मांगी है। कमीशन को यूनिफॉर्म सिविल कोड का नोटिफिकेशन जारी करने से लेकर अब तक 8.5 लाख रिस्पॉन्स मिल चुके हैं।
पीएम मोदी ने भोपाल में की थी UCC लागू करने की वकालत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून को भोपाल में बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन में देशभर में यूनिफॉर्म सिविल कोड जल्द लागू करने की बात कही थी। पीएम मोदी ने कहा था कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर लोगों को भड़काया जा रहा है। पसमांदा मुस्लिम राजनीति का शिकार हुए हैं। एक घर 2 कानूनों से नहीं चल सकता। बीजेपी ये भ्रम दूर करेगी।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देर रात बुलाई थी इमरजेंसी मीटिंग
पीएम मोदी के इस बयान के बाद कांग्रेस, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने इसे मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने वाला बताया। UCC की चर्चा के बीच 27 जून को देर रात मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। 3 घंटे तक चली मीटिंग में बोर्ड ने UCC के प्रस्तावित कानून का विरोध करने का फैसला किया।
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शरीयत कानूनों का जिक्र कर ड्रॉफ्ट तैयार किया, लॉ कमीशन को भेजेंगे
वर्चुअल हुई बैठक में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष सैफुल्लाह रहमानी, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, वकील सहित अन्य लोग मौजूद थे। मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि हमने एक ड्रॉफ्ट तैयार किया है, जिसमें शरीयत कानूनों का जिक्र है। उसे जल्द ही लॉ कमीशन को भेजा जाएगा। हम लॉ कमिशन के सामने अपना पक्ष प्रभावी ढंग से रखेंगे। हर बार चुनाव आने से पहले राजनेता UCC का मुद्दा उठाते हैं। 2024 चुनाव से पहले एक बार फिर इसे जिंदा किया जा रहा।