आपने हाल ही में सोशल मीडिया में वायरल हुए दो वीडियो जरूर देखे होंगे। इनमें से एक उत्तरप्रदेश के मथुरा का तो दूसरा मध्यप्रदेश के देपालपुर का है। लेकिन दोनों का ही नाता कारोबार औऱ धर्म के नाम पर जुड़े विवाद से है। मथुरा के वीडियो में एक धर्म विशेष के कुछ लोग इडली-डोसा की दुकान के संचालक से दुकान के नाम को लेकर विवाद करते नजर आते हैं। देपालपुर के वायरल वीडियो में भी एक शख्स चाट का ठेला लगाने वाले को अपनी दुकान का नाम बदलने को कहते नजर आते हैं। वजह है दोनों दुकानों के नाम हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर हैं लेकिन उनके संचालक मुस्लिम। लेकिन यह चलन आपको हिंदुस्तान के कमोवेश हर शहर औऱ कस्बे में दिख जाएगा। मुस्लिम समुदाय के लोग अपना व्यापार-व्यवसाय चलाने के लिए हिंदू देवी-देवताओं के नाम का उपयोग करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन महाकाल की नगरी उज्जैन में तो बेहद सामान्य बात है। यहां महाकाल रोड पर ऐसे कई होटल हैं जो भगवान शिव के नाम पर हैं जबकि इनके मालिक मुस्लिम हैं। ये सभी उज्जैन में महाकाल मंदिर के आसपास सालों से होटल चला रहे हैं।
बोर्ड पर हिंदू देवी-देवताओं के नाम, मालिक मुस्लिम
उज्जैन में ऐसे होटलों- लॉज और उनके संचालकों के नाम बताने से पहले आइए आपको बताते हैं कि मथुरा और देपालपुर में दुकानों और उनके संचालकों के नाम को लेकर क्या और क्यों विवाद हुए। मथुरा में डोसा बेचने वाले ने अपनी दुकान के बोर्ड पर लिखा था श्रीनाथ डोसा कॉर्नर जबकि वह मुस्लिम है। इस पर एक धर्म विशेष के लोगों ने उनकी दुकान के नाम पर आपत्ति की। इस विवाद के बाद संचालक ने अपनी दुकान का नाम श्रीनाथ से बदलकर अमेरिकन डोसा कार्नर कर दिया। इसी तरह का एक विवाद हाल ही में देपालपुर में सामने आया। यहां एक चाट की दुकान का नाम सांवरिया पानी पताशा था जबकि इसके संचालक का नाम इलियास। यहां भी लोगों की आपत्ति के कारण उसे अपनी दुकान का नाम बदलना पड़ा।
महाकाल के नाम पर कई होटल, उनके संचालक मुस्लिम
अब बात करते हैं उज्जैन की। महाकाल की नगरी उज्जैन हिंदू समुदाय के लिए आस्था का केंद्र तो है ही यहां की अर्थव्यवस्था की नींव भी है। यहां रोजाना लाखों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आते हैं। महाकाल रोड पर बने होटलों में ठहरते हैं। पैसा खर्च करते हैं जिससे होटल संचालकों की कमाई होती है। कई लोगों को रोजगार भी मिलता है। जितने भी होटल या व्यापारिक संस्थान है कहीं ना कहीं वो महाकाल के नाम का इस्तेमाल करते हैं। भले ही उनके मालिक मुस्लिम हों। ऐसे होटलों में काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारी हिंदू हैं। यह उज्जैन में बेहद सामान्य बात है।
उज्जैन में महाकाल रोड पर होटल और उनके मालिकों के नाम
1. होटल का नाम- शंकरा गेस्ट हाउस
पता- महाकाल मार्ग, उज्जैन
होटल के मालिक- अब्दुल रऊफ खान।
2. होटल का नाम- शिवकृपा
पता- महाकाल मार्ग, उज्जैन
होटल के मालिक- नवाब।
3. होटल का नाम- अमृत पैलेस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन
मालिक- जावेद कुरैशी
4. होटल का नाम- संगम पैलेस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन
मालिक- जहीर खान
5. होटल का नाम- कल्पना पैलेस
पता-महाकाल मार्ग, उज्जैन
मालिक- सोहेल खान
6. होटल का नाम- रॉयल
पता- महाकाल मार्ग
मालिक- रईस खान
7. होटल का नाम - सिल्वर स्वीट्स गेस्ट हाउस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन
मालिक- जुबेर अहमद
8. होटल का नाम- एप्पल
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन
मालिक- कलील
9. होटल का नाम- हाईलाईट
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन
मालिक- अनीस शेख
10.होटल का नाम - सिटी पैलेस
पता - महाकाल मार्ग उज्जैन
मालिक- मुस्तकीम।
11.होटल का नाम- सफॉयर
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन
मालिक- करीम खान।
12. होटल का नाम- प्रिंस गेस्ट हाउस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन
मालिक- शहनवाज खान।
13. होटल का नाम- संजर पैलेस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन
मालिक- मो. याकूब।
14. होटल का नाम -उज्जैन गेस्ट हाउस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन
मालिक- सिकन्दर लाला।
15. होटल का नाम- सागर गेस्ट हाउस
पता- महाकाल मार्ग उज्जैन
मालिक- बाबू खान।
द सूत्र का मकसद, किसी के कारोबार का विरोध नहीं
उज्जैन के इन होटलों के नाम के साथ उनके मालिकों के नाम बताने का द सूत्र का मकसद न तो किसी के व्यापार करने का विरोध करना है और न ही इसे सांप्रदायिक सौहार्द बताना। एक पाठक के तौर पर आप इसे किस रूप में लेंगे ये आपके ऊपर निर्भर है। हम सिर्फ इतना बताना चाहते हैं कि मथुरा से लेकर महाकाल तक हर शहर कस्बे में ऐसा है जहां मुस्लिम समुदाय के लोग अपने संस्थान का नाम हिंदू देवी-देवताओं पर रखकर अपना कारोबार करते हैं। आप चाहें तो इसे उनकी मार्केटिंग स्ट्रैटजी भी कह सकते हैं।