NEW DELHI. अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने की खबरों का बाजार गर्म है। इस समय उसके अपराध की दुनिया के पुराने किस्से एक एक कर बाहर आ रहे हैं। अब करेंगे दाऊद इब्राहिम के गुरु की, जिसने उसे क्राइम के गुर सिखाए। तो आइए बताते हैं आपको कि दाउद के पहले गुरु की कहानी।
कौन है बाबा उर्फ सुभाष ठाकुर
अंडरवर्ल्ड माफिया दाऊद का यूपी की क्राइम दुनिया में दखल होने की एक खास वजह है। दरअसल, पूर्वांचल की सियासत हो या ठेकेदारी हर जगह माफिया बाबा उर्फ सुभाष ठाकुर एक समय बड़ा नाम हुआ करता था। इस समय सुभाष ठाकुर वाराणसी की जेल में बंद है। यही सुभाष अंडरवर्ल्ड माफिया दाऊद इब्राहिम का पहला गुरु बताया जाता है।
एक समय ऐसा था कि पूर्वांचल के इस माफिया के दरबार में नेता पहुंचते थे। काम की तलाश में जब पहली बार सुभाष ने मायानगरी मुंबई में कदम रखा, तभी से वो जुर्म की दुनिया के करीब पहुंचा। मुंबई में रहते हुए अपराध की दुनिया की ओर रुख किया। बाबा का नाम मुंबई अंडरवर्ल्ड तक में छा गया था। बिल्डरों और बड़े कारोबारियों पर शिकंजा कसता जा रहा था। एक समय उसका कारोबार मुंबई से यूपी तक फैल गया था। जिस समय सुभाष ठाकुर का नाम जुर्म की दुनिया में चमक रहा था, तभी मुंबई के एक कॉन्स्टेबल का बेटा दाऊद इब्राहिम अपराध की दुनिया में कदम रखता है।
दाऊद इब्राहिम, सुभाष ठाकुर के दरबार में पहुंचा। बाबा उर्फ सुभाष ठाकुर ने उसको अपना शिष्य बना लिया था। सुभाष ठाकुर ने ही उसको जुर्म करने के तरीके सिखाए। इसके बाद दाऊद इब्राहिम मुंबई का सबसे बड़ा डॉन बन गया था। दाऊद इब्राहिम, बाबा ऊर्फ सुभाष को बहुत मानता था, लेकिन 1992 में हुए मुंबई बम धमाकों के बाद दोनों हमेशा के लिए अलग हो गए। दाऊद से अलग होने के बाद सुभाष ठाकुर ने छोटा राजन के साथ हाथ मिलाया था। दाऊद इब्राहिम से जान का खतरा बताते हुए गिरफ्तारी के बाद सुभाष ठाकुर ने 2017 में एक याचिका दायर कर बुलेटप्रूफ जैकेट और सुरक्षा मांगी थी।