Employee organizations Protest against UPS : यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का विरोध अब तेज हो गया है। कर्मचारी संगठनों ने UPS के खिलाफ एकजुट होकर विरोध किया है। दो प्रमुख कर्मचारी संगठनों ने एक साथ आकर पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली और यूपीएस का विरोध करने के लिए आंदोलन तेज कर दिया है।
हजारों कर्मचारियों ने UPS के खिलाफ जताई असहमति
न्यू मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन (New Movement for Old Pension) ने कर्मचारियों से उनकी राय जानने के लिए वोटिंग का फैसला लिया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र तिवारी के अनुसार सोशल मीडिया के माध्यम से 1 से 4 सितंबर तक देशभर के 60 हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने UPS के खिलाफ अपनी असहमति जताई है। इन कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन की बहाली की मांग की है। यह राय 7 सितंबर तक एकत्रित की जाएगी।
पुरानी पेंशन लागू नहीं होने पर करेंगे
संसद का घेराव
दूसरी ओर पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (NMOPS) ने UPS के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की है। एनएमओपीएस के प्रांतीय प्रवक्ता हीरानंद नरवरिया ने बताया कि पहले चरण में संगठन से जुड़े कर्मचारियों ने UPS के विरोध में सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा की हैं।
दूसरे चरण में 6 सितंबर तक कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर काम किया। तीसरे चरण में 15 सितंबर को दिल्ली में एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जाएगी। चौथे चरण में जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन होगा। यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई, तो दिल्ली में संसद भवन का घेराव किया जाएगा। मप्र अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक भुवनेश कुमार पटेल ने प्रांतीय बैठक की घोषणा की है।
आंदोलनकारियों ने दिए पेंशन से जुड़े ये तर्क
- 1 जनवरी 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को एनपीएस मिल रही है, जिनकी संख्या लगभग 6.50 लाख है। वे 1972 वाली पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं।
- नवीन शिक्षक संवर्ग जो लगभग 2.37 लाख हैं। (जिनकी नियुक्ति जुलाई 2018 से राज्य शिक्षा सेवा के अंतर्गत मान्य है) UPS के दायरे में नहीं आते।
- इसके अलावा 4 साल और सेवा करने के बाद लगभग 90% कर्मचारी रिटायर हो जाएंगे, और UPS में 10% कटौती की राशि की वापसी की कोई गारंटी नहीं है। अर्ध सैनिक बल 20 वर्षों में रिटायर होते हैं, जबकि UPS में पेंशन 25 वर्षों की सेवा के बाद मिलती है जिससे अर्ध सैनिक बल छूट जाते हैं।
ईपीएफ और हायर पेंशन
7 साल के अंतराल के बाद निजी कंपनियों, कारखानों और सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों को हायर पेंशन मिलने का सिलसिला फिर से शुरू हो गया है। 2017 के बाद प्रदेश में सबसे अधिक कर्मचारियों को हायर पेंशन मिली है, जिसमें एमपी एग्रो कॉरपोरेशन, भोपाल दुग्ध संघ, इंदौर दुग्ध संघ, और जबलपुर दुग्ध संघ शामिल हैं।
ईपीएफओ रीजनल कमिश्नर अमिताभ प्रकाश ने बताया कि पात्र कर्मचारियों को डिमांड नोट जारी किए जा रहे हैं। अब तक 350 से अधिक कर्मचारियों को यह नोट मिल चुका है। ईपीएफ मामलों के जानकार चंद्रशेखर परसाई ने कहा कि सितंबर 2014 के बाद रिटायर हुए और रिटायर होने वाले पात्र कर्मचारियों को यह पेंशन मिलेगी।
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