NEW DELHI. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद केंद्र सरकार अलर्ट मोड में है। पुलिस कस्टडी के बीच अतीक अहमद पर हमला करने वाले तीनों युवक मीडियाकर्मी बनकर भीड़ में शामिल हुए थे। ऐसे में अब पत्रकारों की सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय एक एसओपी तैयार करेगा। पत्रकारों को सुरक्षा देने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है। आपको बता दें कि अतीक और अशरफ पर गोली चलाने वाले तीनों आरोपियों पत्रकार बनकर आए थे। वहीं तीनों का पुराना आपराधिक इतिहास पुलिस खंगालने में जुट गई है। कहा जा रहा है कि तीनों ही शूटर अलग-अलग जिलों के हैं।
गृह मंत्रालय तैयार करेगा एसओपी
सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए मानक संचालन प्रक्रिया यानी एसओपी तैयार करने वाला है। मीडिया से बातचीत के दौरान पत्रकार बनकर आए तीन लोगों ने दोनों भाईयों की उस वक्त गोली मार कर हत्या कर दी थी, जब पुलिसकर्मी उन्हें जांच के लिए यहां एक मेडिकल कॉलेज ले जा रहे थे।
मेडिकल कॉलेज के सामने हुई गोलीबारी
माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मार कर हत्या कर दी गई। प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज में मीडिया के सामने हुई गोलीबारी में दोनो भाई ढेर हो गए। सूत्रों की मानें तो अशरफ और अतीक को मीडियाकर्मी बन कर आए तीन बदमाशों ने एक के बाद एक कई गोली मारी। हालांकि, सभी आरोपी पुलिस कस्टडी में हैं। इस घटना में अब ये देखना है कि क्या यदि इसमें पुलिस की लापरवाही सामने आती है तो पुलिस अधिनियम, 1861 की धारा 7 और 29 के तहत उन पुलिस अधिकारियों की बर्खास्तगी, दंड या निलंबन किया जाएगा।
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क्या होता है कस्टोडियल डेथ
'कस्टोडियल डेथ' का अर्थ होता है जब किसी आरोपी या अपराधी की मौत पुलिस की कस्टडी में हो जाए, या फिर मुकदमे की सुनवाई या न्यायिक हिरासत के दौरान हुई मौत को भी कस्टोडियल डेथ के तौर पर देखा जाता है। अतीक और अशरफ भी पुलिस की हिरासत में थे और इसी दौरान उनकी गोली मार कर हत्या की गई है इसलिए इस मर्डर को कस्टोडियल डेथ के तौर पर देखा जा रहा है। इस हत्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे पुलिस बल का अत्याधिक प्रयोग, पुलिस की लापरवाही या फिर अधिकारियों द्वारा दुर्व्यवहार किया जाना, जिसके कारण आरोपियों या अपराधियों की मौत हो जाए।