NEW DELHI. यूपीएससी की ओर से केंद्र में रिक्त पदों पर सीधी भर्ती निकालने को लेकर उठा विवाद थमते नहीं दिख रहा है। इस मामले में विपक्षी नेताओं के बाद एनडीए में भी विरोध के सुर उठने लगे हैं। एनडीए की सहयोगी दल जेडीयू के साथ ही केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) ने लेटरल भर्ती के फैसले को गलत बताया है।
लेटरल एंट्री पर बोले चिराग पासवान
केंद्र के मंत्रालयों में लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती को लेकर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने पर एतराज जताते हुए कहा है कि यह फैसला बहुत गलत है, ऐसी नियुक्तियों को लेकर मेरी पार्टी की सोच पूरी तरीके से स्पष्ट करती है। इस मामले को सरकार के सामने उठाया जाएगा।
आरक्षण के प्रावधानों का पालन जरूरी
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आगे कहा कि अगर कहीं पर भी नियुक्तियां होती हैं तो भर्ती में आरक्षण के प्रावधानों का पालन होना चाहिए। इसमें दिक्कत की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में इस तरह के प्रावधान जरूरी हैं। जो जानकारी सामने आई है, वह चिंता का विषय है।
हम कभी इसके पक्ष में नहीं
चिराग पासवान ने कहा कि मैं भी सरकार का सदस्य हूं, इन बातों को वहां रखने के लिए मेरे पास मंच उपलब्ध है। सरकार के सामने इस विषय को रखा जाएगा। LJP पार्टी का पक्ष रहते हुए उन्होंने कहा कि हम कभी इसके पक्ष में नहीं हैं।
यूपीएससी ने निकाली भर्ती
बता दें कि UPSC ने लैटरल एंट्री के जरिए 45 पदों पर भर्ती निकाली है। इनमें संयुक्त सचिव और निदेशक, उप सचिव के पद शामिल हैं। सरकार इन पदों को लेटरल एंट्री के जरिये भरना चाहती है। ऐसे में विपक्ष इस फैसले के जमकर विरोध कर रहा है। इस मामले में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी, सहित विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए हैं। विपक्ष ने लेटरल एंट्री के जरिए लोक सेवकों की भर्ती को राष्ट्र विरोधी कदम बताया है।
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