महंगी कीमत के कारण कई लोग इलेक्ट्रिक गाड़ी ( Electric Car ) नहीं खरीद पाते है। ऐसे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में बड़ी कमी देखने को मिल सकती है। ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ACMA) की ओर से आयोजित किए गए इवेंट में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari ) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगले दो साल यानी 24 महीने में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत, पेट्रोल-डीजल वाहन (Petrol-diesel vehicles ) के बराबर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लिथियम आयन बैटरी (lithium ion batteries ) की कीमतों में गिरावट से ईवी की लागत में कमी आई है।
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दो साल के भीतर गिरेंगे दाम
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दो साल के भीतर इलेक्ट्रिक वाहन की लागत पेट्रोल-डीजल वाहन की लागत के बराबर हो जाएगी। इससे पहले उन्होंने सुझाव दिया था कि ईवी निर्माताओं ( EV Manufacturers ) अब सब्सिडी देने की जरूरत नहीं है।
बैटरी की कीमत में आ रही गिरावट
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari ) ने कहा कि एक समय लिथियम आयन बैटरी (lithium ion batteries ) की कीमत 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर प्रति किलोवाट घंटा थी। अब इसकी कीमत कुछ 10.8 से 11 करोड़ प्रति किलोवाट घंटा है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि यह 10 करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी।
सब्सिडी देने की जरूरत नहीं
केंद्रीय मंत्री ने कहा, इलेक्ट्रिक वाहन अब बिना सब्सिडी (without subsidy ) के भी अपनी लागत बरकरार रख सकते हैं। हालांकि, यह वित्त और भारी उद्योग मंत्रालयों को तय करना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए या नहीं।
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