आज तक आपने किसी फिल्म या सरकस में लोगों के मनोरंजन के लिए इंसानों को गायब होते हुए देखा होगा, लेकिन अब हकीकत में ऐसा कपड़ा आ गया है जिसके पीछे आते ही वह शख्स बिलकुल भी गायब हो जाएगा। जी हां IIT कानपुर ने ऐसा कपड़ा बनाया है, जिसके पीछे जाते ही कोई दिखाई नहीं देगा। ये कपड़ा न तो सैनिक दिखता है। न ही कोई अन्य मटेरियल। यानी इस महा-मैटेरियल का इस्तेमाल भारतीय सेना करने लगे तो हमारे सैनिक मिस्टर इंडिया बन जाएंगे। साथ ही जरूरी हथियार भी छिपे रहेंगे।
ये है कपड़े के फायदे
ये एक मेटामैटेरियल सरफेस क्लोकिंग सिस्टम ( Metamaterial Surface Cloaking System ) है। जो हमारे सैनिकों, विमानों और ड्रोन्स को दुश्मनों से बचा सकता है। इस कपड़े का फायदा ये है कि ये न तो दुश्मन की राडार की पकड़ में आता है। न सैटेलाइट की। इसे इंफ्रारेड कैमरा, Wound Sensors Thermal Imagers से भी नहीं देख सकते। यानी इस मैटेरियल के पीछे क्या है किसी को पता ही नहीं चलेगा।
दुश्मन देख ही नहीं पाएगा हमारे सैनिकों को
इस कपड़े का प्रदर्शन आईआईटी कानपुर में हुए डिफेंस स्टार्टअप एग्जीबिशन में भी किया गया था। जहां पर इसकी काफी प्रशंसा हुई। अगर इस कपड़े को आर्मी की गाड़ियों के चारों तरफ लगा दिया जाए। सैनिकों को इसका यूनिफॉर्म दिया जाए तो वो दुश्मन के किसी भी प्रकार के कैमरे में ट्रैक नहीं होंगे। न ही किसी इमेजिंग सिस्टम में। न ही सेंसर में। इससे दुश्मन की कई तकनीक को विफल किया जा सकता है।
सेना को मिल सकता है मैटेरियल
मेटातत्व कंपनी के एमडी और पूर्व एयर वाइस मार्शल प्रवीण भट्ट ने कहा कि अगर अप्रूवल मिले तो यह मैटेरियल हम इंडियन आर्मी को एक साल में दे सकते हैं। यह किसी भी तरह के इमेजिंग प्रोसेस को रोकने में सक्षम है।
तीन वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाया कपड़ा
IIT के तीन साइंटिस्ट प्रोफेसर कुमार वैभव श्रीवास्तव, प्रो. एस अनंत रामकृष्णन और प्रो. जे. रामकुमार ने मिलकर इस मेटामैटेरियल को तैयार किया है। इसके पेटेंट के लिए 2018 में एप्लीकेशन दिया गया था। जो अब इन्हें मिल चुका है। इस तकनीक का ट्रायल भारतीय सेना के साथ छह साल से हो रहा है।
कपड़ा बनाने का काम 2010 से शुरू
प्रोफेसर कुमार वैभव ने 2010 से इस पर काम करना शुरू किया था। इसके बाद दोनों प्रोफेसर इनके साथ जुड़ गए। फिर यह प्रोडक्ट तैयार हुआ। 2019 में भारतीय सेना ऐसी तकनीक खोज रही थी, जिससे दुश्मन के राडार को चकमा दिया जा सके। फिर इसे तैयार किया गया। यह मैटेरियल दुश्मन के राडार, सैटेलाइट, इंफ्रारेड कैमरा, ग्राउंड सेंसर और थर्मल इमेजर को धोखा दे सकता है।
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