नीलाम हुई परवेज मुशर्रफ के परिवार की 13 बीघा जमीन, 3 लोगों ने म‍िलकर लगाई बोली, इस राज्य में थी शत्रु संपत्ति

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के परिजन की संपत्ति नीलाम हो गई है। इस शत्रु संपत्ति को तीन किसानों ने मिलकर 1.38 करोड़ रुपए में खरीदा है। जानें कहां थी यह जमीन

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Vikram Jain
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UP Baghpat Pervez Musharraf family property auctioned

NEW DELHI.  पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ (pakistan former president Pervez Musharraf) के परिवार के नाम दर्ज शत्रु संपत्ति (enemy property) को भारत सरकार ने नीलाम कर दिया गया हैं। भारत सरकार ने 13 बीघा जमीन की नीलामी ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से की है। इस संपत्ति की बोली आधार मूल्य से 3 गुणा ज्यादा लगी है। सरकार ने इसे 1 करोड़ 38 लाख रुपए में नीलाम किया है। इस संपत्ति को तीन किसानों ने खरीदा है।

किस गांव में है यह शत्रु संपत्ति

ई-नीलामी प्रक्रिया बेची की गई यह शत्रु संपत्ति उत्तर प्रदेश के बागपत (baghpat) में है। बागपत की बड़ौत तहसील से 8 किलोमीटर दूर कोताना गांव में यह प्रॉपर्टी है। यह संपत्ति पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के परिजन के नाम पर दर्ज थी। इसे साल 2010 में शत्रु संपत्ति के रुप में घोषित किया गया था। इस गांव में 1943 से पहले परवेज मुशर्रफ के माता-पिता रहते थे। लेकिन मुशर्रफ कभी इस गांव में नहीं आए थे। अब शत्रु संपत्ति बिक जाने के बाद परवेज मुशर्रफ और उसके परिजन का नाम बागपत से हमेशा के लिए समाप्त हो गया है।

एक करोड़ 38 लाख 16 हजार रुपए में नीलाम हुई जमीन

बागपत के एडीएम पंकज वर्मा ने नीलामी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि 13 बीघा शत्रु संपत्ति को ऑनलाइन नीलामी की गई है। यह जमीन गांव में बांगर की है। यह संपत्ति पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति के परिवार के नाम दर्ज थी। 13 बीघा जमीन जिसका आधार मूल्य 39 लाख 6 हजार रुपए रखा गया था। ई-नीलामी प्रक्रिया (e-auction process) में तीन किसानों ने अंतिम बोली 3 गुणा से ज्यादा यानि एक करोड़ 38 लाख 16 हजार रुपए लगाई है। इसी के साथ यह प्रॉपर्टी किसानों ने खरीद ली है। अब परवेज मुशर्रफ के परिजन का नाम हटाया जाएगा और जमीन इन किसानों के नाम ट्रांसफर की जाएगी। प्रॉपर्टी खरीदने वालों को यह रकम केंद्र सरकार के संपत्ति अभिरक्षक विभाग के खाते में जमा कराना होगा।

1943 में दिल्ली चला लगा था मुशर्रफ का परिवार

बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का परिवार कोताना गांव में रहता था। कोताना गांव में परवेज मुशर्रफ की माता जरीन बेगम और पिता मुशर्रफुद्दीन रहा करते थे। माता-पिता साल 1943 में गांव छोड़कर दिल्ली चले गए थे। वह दिल्ली के दरियागंज क्षेत्र में गोलचा सिनेमा के पास रहने लगे थे। यहीं पर मुशर्रफ का जन्म हुआ था। दिल्ली के साथ ही उनके परिवार की हवेली और खेती की जमीन कोताना में भी थी। हालांकि, परवेज मुशर्रफ इस गांव में कभी नहीं आए। इसके बाद जब बंटवारा हुआ तो उनका परिवार भारत छोड़कर पाकिस्तान चला गया।

रिकॉर्ड में नुरू मियां की थी संपत्ति

परवेज मुशर्रफ के चाचा हुमायूं भी कोताना में रहते थे। मुशर्रफ के चाचा ने बाद में अपनी प्रॉपर्टी स्थानीय ग्रामीणों को बेच दी थी, और उन्होंने ने भी देश छोड़ दिया था। कोताना में स्थित नीलाम की गई शत्रु संपति राजस्व अभिलेखों में नुरू के नाम से दर्ज है। नुरू मियां को भी मुशर्रफ के  कुटुंब माना जाता रहा है। भारत पाक बंटवारे के 18 साल बाद नुरू मियां साल 1965 में पाकिस्तान चले गए थे। नुरू के नाम से दर्ज 13 बीघा भूमि को 2010 में शत्रु संपति के रूप में घोषित कर दी गई थी।

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