उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के एक फैसले से राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। सरकार ने आदेश जारी किया है कि सभी राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों को 31 दिसंबर से पहले मानव संपदा पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होगा। अगर कोई कर्मचारी ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उसकी पदोन्नति पर भी विचार नहीं किया जाएगा।
नहीं होगी पदोन्नति
सरकार की ओर से जारी पत्र में सभी राज्य कर्मचारियों को मानव संपदा पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने को कहा गया है। ऐसा न करने पर उनकी पदोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा। साथ ही कहा गया है कि 31 दिसंबर तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य है।
ब्योरा नहीं देने पर होगी कार्रवाई
सरकार की ओर से जारी पत्र में साफ कहा गया है कि प्रदेश के सभी अधिकारी और कर्मचारी 31 जनवरी तक अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर जमा कराएं। जो कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले भी कर्मचारियों और अधिकारियों से ब्योरा मांगा जा चुका है, लेकिन लापरवाही के चलते यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी थी। एक बार फिर सरकार ने राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों को 31 दिसंबर तक का समय दिया है।
जनवरी से पोर्टल पर शुरू होगा अपडेट
साल 2024 की सूचनाएं एक जनवरी 2025 से मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट होनी शुरू हो जाएंगी। साथ ही सभी अधिकारियों और कार्यालयों को यह काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर कोई कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्योरा देने में लापरवाही बरतता है या ब्योरा नहीं देता है तो उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। हालांकि सरकार पहले ही राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों से संपत्ति का ब्योरा मांग चुकी है।
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