Kangana Ranaut Statement on Sonu Sood : उत्तर प्रदेश सरकार ने कावड़ यात्रियों की सुविधा के लिए दुकानदारों को अपने पहचान वाला नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद विपक्ष के सभी नेता इसका विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक्टर सोनू सूद ( Sonu Sood ) ने भी एक पोस्ट किया जिस पर BJP सांसद कंगना रनौत ( BJP MP Kangana Ranaut ) ने जवाब दिया है।
सोनू सूद ने किया यी ट्वीट
बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद की कांवड़ यात्रा वाले रास्तों पर खाने-पीने की दुकानों पर उनके मालिकों का नाम लिखने के मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बीते दिन ट्वीट सोनू सूद ने 19 जुलाई को पोस्ट में लिखा कि हर दुकान पर केवल एक नेम प्लेट होनी चाहिए- Humanity यानी मानवता।
बीजेपी सांसद कंगना का रिएक्शन
एक्ट्रेस और सांसद कंगना रनौत ( BJP MP Kangana Ranaut ) ने कहा, ''कंगना रनौत की टीम सहमत है। हलाल को "मानवता" से प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए। 5 घंटे हर दुकान पर केवल एक ही नेम प्लेट होनी चाहिए मानवता।
Agree, Halal should be replaced with “ HUMANITY” https://t.co/EqbGml2Yew
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) July 19, 2024
BJP के सहयोगी कसने लगे तंज
इस मामले को लेकर बीजेपी के सहयोगी ही उस पर सवाल उठाने लगे हैं। LJP अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि
गरीबों के लिए काम करना हर सरकार की जिम्मेदारी है। जिसमें समाज के सभी वर्ग जैसे दलित, पिछड़े, ऊंची जातियां और मुस्लिम भी शामिल हैं। जब भी जाति या धर्म के नाम पर इस तरह का विभाजन होता है, मैं न तो इसका समर्थन करता हूं और न ही इसे प्रोत्साहित करता हूं। मुझे नहीं लगता कि मेरी उम्र का कोई भी शिक्षित युवा ऐसी चीजों से प्रभावित होता है। मैं केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के सामने अपनी आपत्तियां उठाऊंगा।
BJP की एक और सहयोगी पार्टी RLD ने भी इस फैसले पर सवाल उठाया है। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा ने कहा
खाद्य सुरक्षा नियमों के मुताबिक, हर भोजनालय को केवल अपना नाम और अपने उत्पादों की डीटेल को डिस्पले करना होता है। अगर नियम लागू करना है तो इसे लाल या हरे सिंबल के साथ शाकाहारी और मांसाहारी में डिवाइड किया जाना चाहिए, जैसे खाने के पैकेट पर होता है। हमारे देश में अलग-अलग समुदायों के लोग हैं और सद्भाव बनाए रखा जाना चाहिए. हम इस मुद्दे को केंद्र और राज्य में उठाएंगे।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने एक पोस्ट में लिखा,
ऐसे आदेश पूरी तरह से खारिज होने चाहिए। माननीय न्यायालय सकारात्मक हस्तक्षेप करते हुए शासन के माध्यम से ये सुनिश्चित करवाए कि भविष्य में ऐसा कोई भी विभाजनकारी काम शासन-प्रशासन नहीं करेगा।
मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने जनता के भाईचारे और विपक्ष के दबाव में आकर आख़िरकार होटल, फल, ठेलोंवालों को अपना नाम लिखकर प्रदर्शित करने के प्रशासनिक आदेश को स्वैच्छिक बनाकर जो अपनी पीठ थपथपायी है, उतने से ही अमन-औ-चैन पसंद करनेवाली जनता माननेवाली नहीं है। ऐसे आदेश पूरी तरह से ख़ारिज होने…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2024
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