प्रयागराज में हिंदू लड़के ने जनेऊ तोड़ा और पूजा-पाठ छोड़कर नमाज पढ़ने लगा, देहरादून में भी ऐसा ही मामला सामने आया

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Atul Tiwari
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प्रयागराज में हिंदू लड़के ने जनेऊ तोड़ा और पूजा-पाठ छोड़कर नमाज पढ़ने लगा, देहरादून में भी ऐसा ही मामला सामने आया

PRAYAGRAJ/DEHRADUN. यूपी के प्रयागराज में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां मोबाइल गेम की आड़ में एक किशोर के धर्मांतरण का मामला सामने आने पर पुलिस अलर्ट हो गई है। ब्राह्मण परिवार के 17 वर्षीय बेटे ने अचानक पूजा-पाठ छोड़कर नमाज पढ़ना शुरू कर दिया। वह मजार पर पहुंचा और वहां उर्दू में लिखी इबारत को चूम लिया। मुस्लिम दोस्तों के कहने पर उसने जनेऊ भी तोड़कर फेंक दिया। जालीदार टोपी पहनी और कव्वाली सुनने लगा। मोबाइल गेम कौन सा था, इस बारे में परिवार को नहीं पता है। उधर, देहरादून के एक 24 साल के युवक के भी हिंदू रीति-रिवाज छोड़कर नमाज पढ़ने का मामला सामने आया है।





परिवार वाले बेटे को बीमार समझ अस्पताल ले गए अस्पताल, फिर खुला राज 





बेटे को मानसिक रूप से बीमार समझकर मां 9 जून (शुक्रवार) को मोती लाल नेहरू अस्पताल पहुंची तो धर्मांतरण का राज खुला। हॉस्पिटल में लड़के मां ने मनोचिकित्सकों (साइकाइट्रिस्ट) को जो कहानी बताई, वह हाल ही में आई फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ से मिलती-जुलती लगी। किशोर का नाम नहीं बदला गया, लेकिन बाकी गतिविधियां पूरी तरह से बदल गईं। फिलहाल लड़के की काउंसलिंग की जा रही है। 





मुस्लिम लड़कों से दोस्ती हुई तो व्यवहार बदलने लगा



 



चित्रकूट की महिला 5 संतानों के साथ छह साल से प्रयागराज के झलवा में किराए पर रह रही है। पति चित्रकूट में रहता है। तीसरे बेटे की उम्र करीब 17 साल है और ई-रिक्शा चलाता था। किशोर स्मार्टफोन में गेम खेलता था। करीब 6 महीने पहले गेम के जरिए ही चकिया इलाके में रहने वाले मुस्लिम लड़कों से दोस्ती हुई। इसके बाद सभी मिलने-जुलने लगे तो किशोर के व्यवहार में बदलाव आने लगा। वह मोबाइल पर मुस्लिम दोस्तों से ही ज्यादा बातचीत करता और घर जाने के बाद वह सिर्फ गेम ही खेलता था। ई-रिक्शा पर मुस्लिम धर्म के प्रतीक वाला झंडा लगाकर कव्वाली सुनने लगा। दो हफ्ते पहले उसका मोबाइल खो गया तो वह बेचैन हो उठा। एक दिन महिला ने घर में बेटे को नमाज पढ़ता देखा तो सन्न रह गई। 8 जून (गुरुवार) को घर में पूजा के दौरान भी लड़का नमाज पढ़ने लगा। अपने धर्म के प्रति बेटे के इस तिरस्कार भाव से चिंतित मां ने उसे मानसिक रूप से बीमार समझ लिया और अस्पताल ले गई। यहां धर्मांतरण का मामला सामने आया।





मुस्लिम दोस्तों के मोबाइल पर भेजी कुंडली 





मां ने बताया कि उसके बेटे ने मुस्लिम दोस्तों को मोबाइल पर वॉट्सऐप पर अपनी कुंडली भेजी। इसके बाद माता-पिता और परिवार के दूसरे सदस्यों की फोटो, आधार कार्ड भी भेजा। वह घर के कागजात भी भेजने की कोशिश में था, लेकिन मां के विरोध के चलते ऐसा नहीं कर सका। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार किशोर के दोस्तों का जन्म कुंडली और फोटो मंगवाने का असली मकसद क्या है।





मोबाइल गेम की आड़ में किशोर का धर्मांतरण





मनोविज्ञानी डॉ. ईशान्या राज के मुताबिक, मां-बेटे से बात करने में यही लग रहा है कि किशोर का मोबाइल गेम की आड़ में धर्मांतरण कराया जा रहा है। कुछ ऐसे गेम हैं, जिसमें टास्क देकर मुस्लिम धर्म को मानने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।





देहरादून में ऐसा ही मामला





देहरादून के डोईवाला क्षेत्र में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवक के पिता ने पुलिस से शिकायत की है कि उनका बेटा अजीब हरकतें कर रहा है। असल में 24 साल का युवक अचानक नमाज पढ़ने लगा। उसके लैपटॉप और मोबाइल से चौंकाने वाली सामग्री मिली। पता चला कि 24 साल का वैभव बिजल्वाण 3 साल से डिप्रेशन में है। उसका इस्लाम की तरफ रुझान बढ़ा। वैभव के लैपटॉप और मोबाइल से मिली जानकारी के अनुसार, वैभव ने इस्लामिक रिचुअल ऑनलाइन सीखे हैं और रोज इन्हें फॉलो भी करता है। 





पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि वैभव अपने कमरे से बाहर नही निकलता और डिप्रेशन में है। एसएसपी ने बताया कि मोबाइल और लैपटॉप में जो सामग्री मिली है, उसकी जांच कर रहे हैं। युवक का साइकोलॉजिकल टेस्ट करवाया जाएगा।



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