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इंडिया में डिजिटल पेमेंट्स की दुनिया में एक बड़ा रिवॉल्यूशन आने वाला है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस के लिए नए रूल्स अनाउंस किए हैं, जो 31 अगस्त 2025 से लागू होंगे।
इन रूल्स के अंडर, अब यूजर्स अपनी प्री-सैंक्शन क्रेडिट लाइन को सीधे UPI से लिंक करके उसका यूज सिर्फ शॉप्स पर पेमेंट के लिए ही नहीं, बल्कि कैश विड्रॉल और पर्सन-टू-पर्सन ट्रांजैक्शन्स के लिए भी कर पाएंगे। ये एक ऐसा गेम-चेंजर है जो लोन के यूसेज और मैनेजमेंट के तरीके को पूरी तरह से ट्रांसफॉर्म कर देगा...
फैसिलिटीज क्या-क्या है
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क्रेडिट लाइन का यूज अब और भी आसान
अभी तक, UPI के थ्रू प्री-सैंक्शन क्रेडिट लाइन का यूज सिर्फ मर्चेंट पेमेंट्स (P2M) के लिए ही हो सकता था। लेकिन 31 अगस्त 2025 से लागू होने वाले नए गाइडलाइंस के अकॉर्डिंग, ये फैसिलिटी अब बहुत ज्यादा एक्सपैंड हो रही है।
अब यूजर्स अपनी क्रेडिट लाइन का यूज कैश विड्रॉल, P2P ट्रांजैक्शन्स (Peer-to-Peer Transactions) और छोटे मर्चेंट्स (P2PM) के साथ ट्रांजैक्शन के लिए भी कर सकेंगे।
जैसे कि,
मान लीजिए किसी ने अपने बिजनेस के लिए लोन लिया है और उसे अपने सप्लायर को 70 हजार रुपए पे करने हैं। न्यू रूल्स के अंडर, वो अब अपने लोन अकाउंट को सीधे UPI से लिंक करके इंस्टेंटली पेमेंट कर पाएगा।
पहले इसके लिए बैंक ट्रांसफर का सहारा लेना पड़ता था, जिसमें ज्यादा टाइम और मैनुअल इंटरवेंशन लगता था। ये फैसिलिटी Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे पॉपुलर प्लेटफॉर्म्स के थ्रू इजिली अवेलेबल होगी, जिससे करोड़ों यूजर्स को डायरेक्ट बेनिफिट मिलेगा। ये स्टेप डिजिटल ट्रांजैक्शन्स को बूस्ट करने और कैशलेस इकोनॉमी की तरफ बढ़ने में एक बड़ा माइलस्टोन साबित होगा।
बैंक्स की बढ़ेगी रिस्पॉन्सिबिलिटी
नए रूल्स के साथ, क्रेडिट लाइन देने वाले बैंक्स और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस की रिस्पॉन्सिबिलिटी भी बढ़ गई है। उन्हें अब हर UPI ट्रांजैक्शन को अप्रूव या रिजेक्ट करने का राइट दिया गया है।
इसका मतलब ये है कि लोन का पैसा सिर्फ उसी पर्पस के लिए यूज़ हो पाएगा, जिसके लिए वो सैंक्शन हुआ था। ये एक इम्पोर्टेंट सेफ्टी मेजर है जो क्रेडिट के मिसयूज को रोकेगा और ये एन्श्योर करेगा कि फंड्स का यूज़ उनके स्पेसिफाइड पर्पस के लिए ही हो।
जैसे,
अगर किसी ने अपने मेडिकल खर्चों के लिए क्रेडिट लाइन ली है, तो वो इसका यूज ट्रीटमेंट के लिए तो कर पाएगा लेकिन लैपटॉप परचेज करने के लिए नहीं।
ये रूल फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को अपने कस्टमर्स के क्रेडिट यूसेज पर बेटर कंट्रोल रखने में हेल्प करेगा और फ्रॉड की पॉसिबिलिटीज को कम करेगा।
NPCI (National Payments Corporation) ने सभी UPI मेंबर बैंक्स, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSP), क्रेडिट लाइन इश्यूअर्स और थर्ड-पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स को 31 अगस्त 2025 तक इन चेंजेस को इम्प्लीमेंट करने का इंस्ट्रक्शन दिया है। ये टाइम-फ्रेम एन्श्योर करती है कि सभी स्टेकहोल्डर्स नए सिस्टम के साथ अलाइन हो सकें और एक स्मूथ ट्रांजिशन हो सके।
UPI से क्या-क्या लिंक हो सकता है
पहले, UPI के थ्रू सिर्फ ओवरड्राफ्ट अकाउंट और Rupay क्रेडिट कार्ड से ही पेमेंट पॉसिबल था। लेकिन अब NPCI ने नाइन एडिशनल क्रेडिट लाइन्स को UPI से लिंक करने की परमिशन दे दी है। ये एक बड़ा एक्सपेंशन है जो UPI को एक ज्यादा पावरफुल और वर्सेटाइल पेमेंट टूल बनाता है।
UPI से लिंक होने वाली नई क्रेडिट लाइन्स
- फिक्स्ड डिपॉजिट के अगेंस्ट क्रेडिट: अब आप अपनी FD को मॉर्गेज करके ली गई क्रेडिट लाइन का यूज़ UPI के थ्रू कर सकेंगे।
- शेयर्स और बॉन्ड्स के अगेंस्ट क्रेडिट: आपके इन्वेस्टेड शेयर्स और बॉन्ड्स पर अवेलेबल क्रेडिट लाइन भी UPI से लिंक हो जाएगी।
- गोल्ड और प्रॉपर्टी के अगेंस्ट क्रेडिट: गोल्ड और रियल एस्टेट के अगेंस्ट रिसीव्ड क्रेडिट लाइन का यूज़ भी अब UPI के थ्रू पॉसिबल होगा।
- पर्सनल लोन ओवरड्राफ्ट: पर्सनल नीड्स के लिए सैंक्शनड ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी को भी UPI से लिंक किया जा सकेगा।
- बिजनेस लोन ओवरड्राफ्ट: बिजनेस के लिए सैंक्शनड ओवरड्राफ्ट अब UPI के थ्रू इज़िली एक्सेस किए जा सकेंगे।
- दूसरे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन्स: इसमें कई और तरह के लोन्स और क्रेडिट फैसिलिटीज शामिल होंगी जो NPCI द्वारा फ्यूचर में अप्रूव की जाएंगी।
इसके अलावा, एक 'भविष्य के लिए आरक्षित' कैटेगरी भी रखी गई है। ये कैटेगरी फ्यूचर में आने वाले किसी भी नए क्रेडिट प्रोडक्ट को इंक्लूड करने के लिए स्पेस बनाती है, जिससे UPI कॉन्टिन्यूअसली इवॉल्व होता रहेगा और नए फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को इंटीग्रेट कर सकेगा।
UPI क्रेडिट लाइन से क्या बेनिफिट्स होंगे
- कन्वीनियंस: यूजर्स को लोन के पैसे के लिए बैंक जाने या सेपरेटली ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डायरेक्ट UPI से पेमेंट पॉसिबल होगा।
- स्पीड: ट्रांजैक्शन्स इंस्टेंटली कंप्लीट होंगे, जिससे इमरजेंसी नीड्स या बिजनेस पेमेंट्स में स्पीड आएगी।
- ट्रांसपेरेंसी: बैंक्स के माध्यम से ट्रांजैक्शन की मॉनिटरिंग से क्रेडिट के यूसेज में ज्यादा ट्रांसपेरेंसी आएगी।
- फाइनेंशियल इंक्लूजन: छोटे मर्चेंट्स और इंडिविजुअल्स के लिए क्रेडिट तक एक्सेस आसान होगा, जो पहले लिमिटेड थी।
- कैश पर डिपेंडेंसी कम: कैश विड्रॉल और P2P ट्रांजैक्शन्स के लिए क्रेडिट लाइन के यूज़ से कैशलेस ट्रांजैक्शन्स को बूस्ट मिलेगा।
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