New Delhi. मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर संसद के सदन हंगामे से गूंज रहे हैं। इधर सुप्रीम कोर्ट में हुई मामले की सुनवाई सीजेआई का स्वास्थ्य खराब होने की वजह से टल गई। सरकार ने अपने हलफनामे में अदालत को यह बताया कि मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का मामला सीबीआई को सौंपा जा चुका है। गृह मंत्रालय ने इस मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर स्थानांतरित करने की भी अपील की है। उधर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के 20 सांसद मणिपुर के दौरे पर रवाना हो गए। इस दौरे के बाद वे सरकार और संसद के सामने मणिपुर समस्या के हल को लेकर अपनी सिफारिशें पेश करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच की मांग
इधर लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराए जाने की मांग की है। गोगोई ने कहा है कि सरकार चाहती है कि मणिपुर में सब सामान्य दिखाया जाए, लेकिन अभी भी वहां हिंसा जारी है। इस जांच से साफ हो जाएगा कि मणिपुर की सरकार वहां हिंसा रोकने में नाकाम रही है।
ये सांसद जाएंगे
मणिपुर दौरे पर जाने वाले विपक्षी सांसदों में अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, गौरव गोगोई, जेएमएम की महुआ माझी, डीएमके की कनिमोझी, एनसीपी के मोहम्मद फैजल, आरएलडी से जयंत चौधरी, आरएसपी से एन के प्रेमचंद्रन, आरजेडी से मनोज कुमार झा, जेडीयू से ललन सिंह और अनिल प्रसाद हेगड़े, वीसीके के टी थिरुमावलन, सीपीआई एम के एए रहीम, सीपीआई के संतोष कुमार, समाजवादी पार्टी के जोवद अली खान, आईएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, आम आदमी पार्टी से सुशील गुप्ता, शिवसेना उद्धव गुट से अरविंद सावंत, डीएमके के डी रविकुमार और कांग्रेस से फूलो देवी नेताम मणिपुर का दौरा करने जाएंगे।
सीजेआई के स्वास्थ्य खराब होने की वजह से टली सुनवाई
इधर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई करने वाला था, लेकिन चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का स्वास्थ्य खराब होने की वजह से सुनवाई टाल दी गई। बता दें कि महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में अब तक 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिस मोबाइल से उक्त वीडियो बनाया गया था उसे जब्त कर लिया गया है। वीडियो शूट करने वाले शख्स को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है तो गृह मंत्रालय ने मामले की सुनवाई मणिपुर से ट्रांसफर कर अन्य राज्य करने की अपील की है।