संसद की सुरक्षा में सेंध पर हंगामा, TMC सांसद निलंबित, सांसद की अनुमति के बिना नहीं मिलती एंट्री, 3 बार होती है जांच

author-image
BP Shrivastava
एडिट
New Update
संसद की सुरक्षा में सेंध पर हंगामा, TMC सांसद निलंबित, सांसद की अनुमति के बिना नहीं मिलती एंट्री, 3 बार होती है जांच

NEW DELHI. संसद की सुरक्षा में सेंध के मामले ने तूल पकड़ लिया है। शीतकालीन सत्र के नौवें दिन विपक्ष ने इस पर जमकर हंगामा किया। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद डेरेक ओ ब्रायन वेल में आ गए। उन्होंने सभापति के पास जाकर नारेबाजी की। इससे स्पीकर जगदीप धनखड़ नाराज हो गए। उन्होंने ब्रायन को बचे हुए सत्र के लिए निलंबित कर दिया। इससे पहले आठ सुरक्षाकर्मियों को भी हटा दिया गया है।

सांसद ऐसे लोगों को पास न दें, जिससे व्यवस्था बिगड़े- राजनाथ सिंह

उधर, लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बोले, सांसदों को ध्यान रखना होगा कि वे ऐसे लोगों को संसद में आने का पास न दें, जिनकी वजह से व्यवस्था बिगड़े। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच कहा कि सबकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी है। देशभर में संसद की सुरक्षा में हुई इस चूक पर बयानबाजी का दौर जारी है। 

सुरक्षा में कहां चूक हुई और कैसे संसद में पहुंचे युवक

आईए हम आपको समझाते हैं कि आखिर कैसे चार लोग हाउस में पहुंच गए। कहां चूक हुई और जिम्मेदार कौन है?

यहां जान लीजिए पूरी प्रक्रिया...

संसद में कूंदते-फांदते दिखे युवकों के पास जनरल एंट्री पास थे। ऐसे पास के लिए अमूमन पहले से एक आवेदन करना पड़ता है। संबंधित व्यक्ति की पूरी कुंडली खंगाली जाती है। अंदर भी पूरी पड़ताल होती है, लेकिन ये युवक जांच अधिकारियों को चकमा देकर लोकसभा में स्मोक कैनिस्टर्स के साथ पहुंच गए। 

एंट्री का A To Z क्या है ?

  • कार्यवाही देखने के लिए संसद का पास बनवाना होता है। इसके लिए सचिवालय में आवेदन करना जरूरी है। इसे सांसद से वेरिफाई कराना होता है।
  • लोकसभा में 15 नवंबर 2019 को जारी संसदीय और अन्य मामलों संबंधी जानकारी के दस्तावेज के मुताबिक सांसदों को ये बताना होता है कि वे उन लोगों को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं, जिनके लिए वे पास का आवेदन कर रहे हैं।
  • सांसदों को लिखना होता है कि वह व्यक्ति उनका संबंधी या मित्र है, जिसे वे व्यक्तिगत रूप से जानते/जानती हैं और उसकी/उनकी जिम्मेदारी लेते हैं।
  • आवदेन में संबंधित व्यक्ति का पूरा नाम और जानकारी लिखी जाती है। गड़बड़ी होने पर विजिटर्स पास जारी नहीं किए जाते हैं।

एंट्री के लिए सिक्योरिटी प्रोटोकॉल ?

  • पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस का वर्ष 2010 में जारी मैनुअल कहता है कि सबसे पहली पंक्ति में संसद के मेन गेट पर जांच होती है, जहां आपके फोन और अन्य सामग्री की जांच की जाती है।
  • दर्शक दीर्घा की चेकिंग पोस्ट पर संसद सुरक्षा के कर्मचारी डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर/हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर से जांच करते हैं। महिला की जांच महिला सुरक्षाकर्मी और पुरुषों की जांच पुरुष सुरक्षाकर्मी करते हैं।
  • जो एंट्री पास मिलता है, उसे अपनी लिस्ट से क्रॉस चेक करते हैं। इसमें नाम, परिचय पत्र और फोटो का मिलान किया जाता है।
  • अंदर जाने से पहले दर्शकों को सारे नियम बताए जाते हैं कि उन्हें क्या करना है क्या नहीं। इसमें नारे लगाना, पर्चे या कोई अन्य आपत्तिजनक वस्तु फेंकने का प्रयास करना और कूदना या प्रयास करना प्रतिबंधित है।
  • दर्शक दीर्घा में बैठने के दौरान भी आपके आस-पास गार्ड्स मौजूद होते हैं। बातचीत, शोर या किसी भी तरह की हलचल देखते ही वो आपको वहीं रोक देते हैं। अव्यवस्था की शंका होने पर आपको दर्शक दीर्घा से बाहर निकाल दिया जाता है।

सुरक्षा के जिम्मा किसके पास ?

संसद भवन परिसर की सुरक्षा का जिम्मा लोकसभा सचिवालय के एडिशनल सेक्रेटरी (सिक्योरिटी) के पास होता है। संसद के अंदर राज्यसभा और लोकसभा चैंबर, लॉबी, गैलरी, सेंट्रल हॉल, सांसद वेटिंग रूम, गलियारे और कमेटी चैंबर्स की सुरक्षा की जिम्मेदारी पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस की होती है। इस स्टाफ के पास हथियार नहीं होते हैं। बाहरी परिसर में संसद भवन परिसर की दीवारों से लगे इलाके की सुरक्षा होती है। पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस इसके लिए दिल्ली पुलिस की मदद लेती है। अन्य अर्धसैनिक बलों की मदद भी ली जाती है। ये हथियारों से लैस होते हैं।

National News नेशनल न्यूज Uproar in Rajya Sabha TMC MP Derek O'Brien suspended breach in Parliament Rajya Sabha proceedings राज्यसभा में हंगामा टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन निलंबित संसद में सेंध राज्यसभा की कार्यवाही