NEW DELHI. अमेरिकी कांग्रेस की एक समिति ने बाइडेन सरकार से भारत को नाटो प्लस का हिस्सा बनाने की सिफारिश की है। समिति का मानना है कि भारत को नाटो प्लस में शामिल करने से उसकी स्थिति मजबूत होगी। नाटो प्लस में अस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, इजरायल और दक्षिण कोरिया शामिल हैं। नाटो प्लस को नाटो की तरह वैश्विक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।
पांच सदस्य पहले से हैं
नाटो प्लस के पांच सदस्य पहले से हैं। यदि भारत को इसमें जोड़ा जाता है तो यह छठवां सदस्य होगा। भारत को इसका हिस्स बनाने से इन देशों के बीच खुफिया जानकारियां साझा करने में मदद मिल सकेगी। इसके साथ ही भारत की सुरक्षा को नाटो देशों की सुरक्षा के साथ जोड़ा जा सकेगा।
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चीन पर निशाना
दुनियाभर में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को देखते हुए अमेरिका और अन्य देश नए सुरक्षा समझौतों पर जोर दे रहे हैं। इसी कड़ी में भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया ने मिलकर क्वाड का गठन किया है। इसका मुख्य मख्य उद्देश्य प्रशांत और हिंद महासागर में चीन की आक्रामकता पर रोक लगाना है। भारत को नाटो प्लस में शामिल करने का उद्देश्य भी यही माना जा रहा है। इसके अलावा यह कदम भारत और रूस की नजदीकी को कम भी करने की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
इस समझौते की दिशा में काम कर रहे भारतीय-अमेरिकी रमेश कपूर ने कहा कि इस सिफारिश को राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण 2024 में जगह मिलेगी और बाद में इसे कानून बनाया जा सकता है। समिति में इस संबंध में बात होना ही इस दिशा में आगे बढ़ता कदम है।
'नाटो प्लस को मजबूत करने भारत को शामिल करना जरूरी'
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती सामरिक प्रतिस्पर्धा पर सदन की चयन समिति के अध्यक्ष माइकल गैलाघेर और राजा कृष्णमूर्ति (रैंकिंग सदस्य) ने कहा कि नाटो प्लस को मजबूत करने के लिए ताइवान को मजबूत करना और भारत को शामिल करना जरूरी है।
चीन को घेरने के लिए भारत क्यों जरूरी
दुनिया भर में चीन के बढ़ते दबदबे के चलते वैश्विक व्यवस्था में बदलाव आ रहा है। इसके साथ ही चीन आक्रमकता के साथ नई व्यवस्था को लागू करने की कोशिश कर रहा है। चीन की आक्रमकता के कारण उसके सीमावर्ती देशों से उसका तनाव है। चीन प्रशांत महासागर और हिंद माहसागर में लगातार अपनी नेवी की प्रजेंस बढ़ा रहा है। चीन की इस आक्रमकता को रोकने के लिए भारत की अवश्यकता दुनिया के देशों को दिखाई दे रही है। इसी को देखते हुए क्वाड और नाटो प्लस जैसे समझौतों की दुनिया में अमेरिका और दूसरे देश बढ़ रहे हैं